इंदौर-3 विधानसभा सीट से विधायक गोलू शुक्ला के बेटे रुद्राक्ष ने मंगलवार देर रात देवास की चामुंडा टेकरी पहुंचकर पुजारी के पैर छुए, माफी मांगी। इससे पहले उन्होंने देवास कोतवाली थाने में सरेंडर किया, जहां पुलिस ने उन्हें मुचलके पर जमानत दे दी। रुद्राक्ष ने इस दौरान मीडिया से किसी भी तरह की बातचीत करने से इनकार कर दिया।
दरअसल, देवास टेकरी विवाद को लेकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व ने सख्ती दिखाई है। सोमवार को दिल्ली में पार्टी आलाकमान ने पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा ने बयान दिया था कि कोई भी हो, कानून सबके लिए एक समान है। दोषी पर सख्त कार्रवाई की जाएगी। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की ओर से भी मामले पर नाराजगी जताई गई थी।
बता दें कि रुद्राक्ष और उसके साथियों पर देवास टेकरी के माता मंदिर के पुजारी से मारपीट का आरोप है। शनिवार को कोतवाली थाने पर आवेदन देने के बाद पुजारी परिवार ने रुद्राक्ष के नाम का जिक्र कर मारपीट के आरोप लगाए थे। हालांकि, बाद में वे अपने बयान से पलट गए और कहा कि मामले से विधायक पुत्र का लेना-देना नहीं है।
आलाकमान की सख्ती के बाद बदली रणनीति बीजेपी सूत्रों के मुताबिक, मामले को शांत करने के लिए पहले यह तय किया गया था कि विधायक गोलू शुक्ला और रमेश मेंदोला देवास जाकर पुजारी और उनके परिवार से मिलेंगे। इसकी सूचना जनसंपर्क के माध्यम से जारी भी की गई थी। लेकिन जब यह जानकारी संगठन तक पहुंची तो इसे रोक दिया गया। कहा गया कि विधायक पार्टी का चेहरा हैं, उनके जाने से पार्टी की छवि प्रभावित हो सकती है।
इसके बाद तय हुआ कि रुद्राक्ष शुक्ला स्वयं देवास जाकर पहले थाने में सरेंडर करेंगे और फिर पुजारी से क्षमा मांगेंगे।
संगठन मंत्री की बैठक में हुआ अंतिम निर्णय बीजेपी संगठन मंत्री हितानंद शर्मा ने इस पूरे मुद्दे को लेकर इंदौर के भाजपा कार्यालय में दो घंटे तक बैठक की। इसमें प्रदेश पदाधिकारी, विधायक, जिला अध्यक्ष और पूर्व अध्यक्ष शामिल हुए। बैठक में हितानंद शर्मा ने स्पष्ट कहा कि अब इस विवाद पर किसी भी नेता को बयानबाजी नहीं करनी है।
उन्होंने निर्देश दिए कि विधायक गोलू शुक्ला खुद को और पार्टी को विवादों से बचाएं। बेटे रुद्राक्ष को भी शांत रहने के लिए कहें। संगठन चाहता है कि अब मामला पूरी तरह शांत हो और मीडिया में इसे लेकर कोई नई प्रतिक्रिया न आए।
चार दोस्त और चाचा के साथ पहुंचे थे थाने रुद्राक्ष शुक्ला मंगलवार शाम 7:40 बजे अपने दोनों चाचा बब्बी शुक्ला और कमल शुक्ला के साथ देवास के कोतवाली थाने पहुंचे। उनके साथ चार अन्य साथी- अनिरुद्ध पंवार, अमन शुक्ला, लोकेश चांदवानी और मनीष तेजवानी भी मौजूद थे।
एएसपी जयवीर सिंह भदौरिया ने बताया कि सभी पांचों आरोपियों की गिरफ्तारी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। इसके बाद सभी को निजी मुचलके पर जमानत दी गई।
इससे पहले 12 अप्रैल को देर रात पुलिस ने रुद्राक्ष समेत 9 आरोपियों पर केस दर्ज किया था। इनमें इंदौर के अमन शुक्ला, हनी, उज्जैन के लोकेश चंदवानी, मनीष तेजवानी, अनिरुद्ध सिंह पंवार, देवास के जीतू रघुवंशी, सचिन और प्रशांत के नाम शामिल हैं।
कांग्रेस ने भी पैर धोकर मांगी थी क्षमा, सज्जन बोले- ये हिंदू औरंगजेब मामले में कांग्रेस लगातार हमलावर है। सोमवार को पार्टी नेता देवास टेकरी पहुंचे। पुजारी के पैर धोकर क्षमा मांगी। पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने कहा- कलयुग के आतताई...कलयुग के हिंदू औरंगजेब भगवान के शयन, उनकी निद्रा में खलल डाल रहे हैं। मुझे तो दुख इस बात का है कि यह छद्म सनातनी लोग, जिन्होंने यह घटना की...उनके पिता विधायक हैं। वह भी सनातनी विधायक।
मुझे तो आश्चर्य है कि असली सनातनी जो देवास में रहते हैं, उनके मुंह से एक शब्द नहीं निकला कि यह मां का अपमान है।
पार्टी सांसद दिग्विजय सिंह ने कहा था- कांग्रेस के विरोध और प्रदर्शन के चलते विधायक के बेटे पर एफआईआर हुई है। भाजपा और भाजपा नेताओं से संबंधित लोगों को अहंकार हो गया है कि हम कुछ भी करें, पुलिस हमारे खिलाफ कुछ नहीं करेगी।
विजयवर्गीय बोले थे- छोड़ो यार, प्रभारी ने कहा- आप सब समझते हैं मामले को लेकर मीडिया ने मंत्री कैलाश विजयवर्गीय से सवाल किया तो वे 'अरे छोड़ो यार' कहकर चल दिए थे। मध्यप्रदेश बीजेपी के प्रभारी डॉ. महेंद्र सिंह से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा- आप सब लोग बहुत अच्छे बुद्धिजीवी पत्रकार हैं। मैं समझता हूं कि हर चीज को आप समझते हैं।
विजयवर्गीय और सिंह सोमवार को इंदौर के रवींद्र नाट्यगृह में आयोजित संविधान की शपथ कार्यक्रम में शामिल होने आए थे। इसका आयोजन कांग्रेस से भाजपा में आए नेता अक्षय कांति बम ने किया था।