नई दिल्ली । आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के लिए राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) हरदीप सिंह पुरी ने आयोजित एक कार्यक्रम में 3 पहल की हैं। छोटे बच्चों और उनके परिवारों के लिए शहरों को आकार देने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए अड़ोस-पड़ोस की चुनौतियों से निपटने के लिए; शहरों के डेटा पारिस्थितिक तंत्र का आकलन करने के लिए डेटा क्षमता मूल्यांकन ढांचा और 100 स्मार्ट शहरों के सिटी डेटा अधिकारियों (सीडीओ) के लिए एक ऑन-लाइन प्रशिक्षण कार्यक्रम। आवासन और शहरी कार्य मंत्रालय के सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा, मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी और अन्य हितधारकों ने भी इस कार्यक्रम में भाग लिया।
अड़ोस-पड़ोस की चुनौतियों से निपटान 3 साल की एक योजना है, जो सार्वजनिक दायरे में बच्चों, देखभाल करने वालों अभिभावकों और परिवारों के जीवन स्तर की गुणवत्ता को बेहतर करने के लिए समाधानों की पहचान करने, नए उपाय तलाशने और अड़ोस-पड़ोस की चुनौतियां से निपटने के लिए शहरों का विकास करना होगा। यह कार्यक्रम डब्ल्यूआरआई इंडिया से मिली तकनीकी सहायता के साथ नीदरलैंड के बर्नार्ड वैन लीर फाउंडेशन नीदरलैंड के सहयोग से आयोजित किया गया।
चुनौती के माध्यम से, चयनित शहरों को पार्क और खुले स्थानों को फिर से खोलने के लिए तकनीकी सहायता और क्षमता-निर्माण प्राप्त होगा; बचपन की शुरुआती सुविधाओं तक पहुंच में सुधार; बचपन केन्द्रित सुविधाओं के साथ सार्वजनिक स्थानों को अनुकूलित करना और छोटे बच्चों और परिवारों के लिए सुलभ, सुरक्षित, चलने योग्य सड़कों का निर्माण करना। यह चुनौती सभी स्मार्ट शहरों, 5 लाख से अधिक आबादी वाले अन्य शहरों और राज्यों और केंद्र-शासित प्रदेशों की राजधानियों के लिए होगी। “शहरी वातावरण एक युवा बच्चे के स्वास्थ्य और विकास को विशेष रूप से जीवन के पहले 5 वर्षों में आकार देता है।
बच्चे के जीवन के पहले 1,000 दिनों के दौरान हर सेकेंड 1 मिलियन से अधिक नए तंत्रिका संबंध बनते हैं। बचपन से ही छोटे बच्चों और उनके परिवारों के प्राथमिक सार्वजनिक क्षेत्र को और अधिक सुरक्षित तथा अधिक प्रेरक बनाने के लिए पोषण संबंधी पड़ोसी चुनौती आने वाले दशकों में भारतीय शहरों में अधिक मजबूत सामाजिक एवं आर्थिक विकास परिणामों की नींव रखने में मदद कर सकती है।