पश्चिम बंगाल में भारी बहुमत से तीसरी बार सरकार बनाने के बाद से मुख्यमंत्री ममता बनर्जी फुलफार्म में हैं। हालांकि धीरे-धीरे भाजपा के प्रति उनके तेवर कुछ ठंडे होते दिख रहे हैं लेकिन फिर भी वह पूरी ताकत से अपने राज्य में भाजपा को कमजोर करने के अभियान में भिड़ गई हैं। लोकसभा चुनाव में अभी एक साल से अधिक का समय है लेकिन भाजपा यहां अभी से चुनावी मोड में आ गई है। इसका कारण यह है कि उसके सामने सबसे बड़ी चुनौती उन लोकसभा सीटों पर कब्जा जमाने की है जो वह पिछले चुनाव में जीत गई थी। हालांकि उसमें से एक की कमी उसके सांसद बाबुल सुप्रियो के त्यागपत्र देने और तृणमूल में शामिल हो जाने के बाद हो गई थी क्योंकि वहां हुए उपचुनाव में शत्रुघ्न सिन्हा ने तृणमूल पार्टी के टिकट पर भारी मतों से जीत दर्ज की थी। राज्य में तेजी से बदल रही राजनीतिक फिजा को देखते हुए फिर से भाजपा अपने को मजबूत करने के लिए रथयात्रा निकालने की योजना बना रही है। भाजपा नेताओं का प्रयास यह है कि प्रारंभ होने वाली रथयात्रा के रथों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा एवं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हरी झंडी दिखाने वाले समारोह में उपस्थित रहें। पिछले दिनों भाजपा की पश्चिम बंगाल प्रदेश भाजपा कोर कमेटी की बैठक में इस आशय का प्रस्ताव रखा गया। हालांकि यात्रा के बारे में अंतिम निर्णय केंद्रीय नेतृत्व को ही लेना है और केंद्रीय नेतृत्व के फैसले के अनुसार ही योजना बनाई जायेगी। भाजपा के सूत्रों का दावा है कि लोकसभा चुनाव से पहले जनसंपर्क बढ़ाने, लोगों से सीधे संवाद और हिंदुत्व का संदेश फैलाने के लिए पिछली बार की तरह पूरे राज्य में रथयात्राएं निकाली जायें और उसी के अनुरुप योजना बनाई गई है। पहले राज्य में पांच स्थानों दार्जलिंग, मालदह, नबदीप, जंगलमहल और सुंदरवन से पांच रथों को निकालने का प्रस्ताव है। इसके साथ ही छठवॉ रथ कोलकाता से रवाना हो सकता है। योजना के अनुसार यह रथ जनसंपर्क में हिंदुत्व का तड़का लगाने के लिए विभिन्न विधानसभा क्षेत्रों से गुजरेंगे। दार्जर्लिंग से निकलने वाला रथ दार्जलिंग, जलपाईगुड़ी, कूचबिहार, अलीपुर द्वार विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। मालदह से निकलने वाले रथ का नाम गोडबंग रथ तय किया गया है जो कि मालदह उत्तर, मालदह दक्षिण, दक्षिण दीनापुर में बालूघाट और उत्तर दीनापुर में रायगंज विधानसभा क्षेत्रों से होकर गुजरेगा। नबदीप से निकलने वाला रथ राणाघाट, कृष्णानगर और उत्तर चौबीस परगना के बनगॉव विधानसभा क्षेत्रों से होते हूए मुर्शिदाबाद को छुयेगा। जंगलमहल से निकलने वाले रथ का नाम राढ़बंग रथ रखने की योजना बनाई गई है। यह रथ बीरभूम, बोलापुर, बाकुरा, पुरलिया, बिष्णुपुर, झारग्राम, मेदनीपुर, हुगली और आरामबाग विधानसभा क्षेत्रों को छुयेगा। सुंदरवन रथ दक्षिण चौबीस परगना, मथुरापुर, डायमंड हार्बर और जयनगर इलाकों से होकर गुजरेगा। इसके अलावा एक रथ कोलकाता से भी रवाना होगा। एक ओर जहां भाजपा ममता के किले की घेराबंदी की कोशिश कर रही है तो ममता बनर्जी की पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने मेघालय की 52 विधानसभा सीटों के लिए उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है, जबकि अभी तक चुनाव आयोग ने चुनाव की तिथियों की घोषणा नहीं की है। अब उसे यहां पर केवल 8 उम्मीदवारों की घोषणा करना शेष हैै। तृणमूल के मेघालय प्रदेशाध्यक्ष चार्ल्स पिंगांपा और संसदीय दल के नेता पूर्व मुख्यमंत्री मुकुल संगमा ने कहा है कि शेष आठ उम्मीदवारों के नाम भी जल्दी ही घोषित किए जाएंगे। जहां एक ओर ममता बनर्जी पश्चिम बंगाल और उसके आसपास के प्रदेशो में भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती बनी हुई हैं तो वहीं देश के हृदय प्रदेश मध्यप्रदेश में इन दिनों भाजपा नेत्री पूर्व केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती पिछले कुछ माहों से शिवराज सरकार और भाजपा प्रदेश संगठन के लिए असहज स्थितियां बनाने का कोई मौका नहीं छोड़ रहीं, लेकिन वे यह सब अनुशासन के दायरे में रहकर कर रही हैं, ऐसा दावा करने से भी नहीं चूकती हैं। उमा भारती भाजपा से निष्कासित प्रीतम लोधी के घर पहुंची और कहा कि मैंने उन्हें सुझाव दिया है कि आप एससी, एसटी और ओबीसी के लिए प्रायवेट सेक्टर में आरक्षण के लिए मांग उठायें और इसमें 10 फीसदी गरीब सवर्णों का भी हिस्सा मांगें। उनका कहना था कि जब ब्राह्मणों के खिलाफ असंयत भाषा का प्रयोग प्रीतम ने किया था तब मैंने भी उसकी भर्त्सना की थी। आरक्षण के मुद्दे पर उमा ने साफतौर पर कहा कि अब दुनिया में जो भी जाति या जमात हैं वे केवल दो हैं एक अभावग्रस्त और दूसरा सुविधायुक्त। अभावग्रस्त को एकजुट होकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा।
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