कुशाभाऊ ठाकरे राजनीति में संत परंपरा के अनुगामी थे- ओ.पी.तिवारी
Updated on
03-09-2021 01:23 PM
श्रद्धेय कुशाभाऊ ठाकरे जन्म शताब्दी वर्ष पर विशेष :
माननीय कुशाभाऊ ठाकरे का सिवनी प्रवास संस्मरण चित्र मैं
1. हाथ में बैग लेकर खड़े हुए माननीय कुशाभाऊ ठाकरे जी
2. बैठे हुए में माननीय बदामी लाल बर्मन (नैनपुर)
3. माननीय नारायण प्रसाद गुप्ता( जबलपुर)
भारतीय जनता पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष ,प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद रहे ब्रह्मलीन कुशाभाऊ ठाकरे का जन्म ,मध्य प्रदेश के धार जिले में 15 अगस्त 1922 को हुआ था ।राजनैतिक क्षेत्र में संत परंपरा के वाहक ठाकरे जी ,विलक्षण संगठन पद्धति के शिल्पकार माने जाते हैं। भारतीय राजनीति में जनसंघ से लेकर वर्तमान भाजपा संगठन के कुशल शिल्पी थे। राष्ट्रीय राजनैतिक परिदृश्य में भाजपा को विराट स्वरूप के पितृ पुरुष डॉक्टर श्यामा प्रसाद मुखर्जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, पूर्व प्रधानमंत्री पंडित अटल बिहारी बाजपेई, लालकृष्ण आडवाणी जी की परंपरा में कुशाभाऊ ठाकरे का नाम आदर से लिया जाता है। ठाकरे जी के संबंध में जन श्रुतिया हैं कि, आप स्व अनुशासित,सादा जीवन, सतत प्रवासी,स्वावलंबी संगठन रचना के प्रतीकमान रहे।
संगठन को आर्थिक रुप से स्वावलंबी बनाने की दूर दृष्टि से पार्टी कार्यकर्ताओं एवं समर्थकों से आजीवन सहियोग निधि के रूप में धन संग्रह करने की योजना, कुशाभाऊ का मौलिक कृतित्व है ।जो पूरे देश में भाजपा पार्टी में वर्षों से अनवरत जारी है। उनके बारे में कहा जाता है कि वे अकेले स्वयं निर्णय नहीं करते थे वरन टीम निर्णय को मान्यता देते थे ।एक कुशल संगठक के रूप में ठाकरे जी का व्यक्तित्व नारियल के समान ऊपर से कठोर किंतु अंदर से नरम था। उनके जीवन संस्मरण से स्पष्ट है कि वह केवल भाषण उपदेश से नहीं बल्कि अपने आचरण से कार्यकर्ताओं को सीख देते थे। ठाकरे जी का पूरा जीवन पार्टी व समाज के प्रति समर्पित रहा 28 दिसंबर 2003 को 81 वर्ष की आयु में ठाकरे जी का शरीर पंचतत्व में विलीन हो गया ,किंतु उनके विचार वर्षों वर्ष तक भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रेरणा और ऊर्जा देते रहेंगे। भाजपा संगठन उनके विचारों को धरातल पर चरितार्थ करने, वर्ष 2021 को जन्म शताब्दी संगठन वर्ष के रूप में उनके रास्ते चलने की कार्य योजना बना रहा है। पुनीत कार्यों से युक्त ऐसे विलक्षण व्यक्तित्व को शत शत नमन।
संकलन,ओ.पी.तिवारी -भाजपा जिला संयोजक- प्रलेखन एवं पुस्तकालय विभाग जिला -सिवनी(म.प्र.)
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