खंडवा उपचुनाव: जवां होने लगे दावेदार राजनेताओं के अरमान
Updated on
06-04-2021 11:19 AM
भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा खंडवा के लोकसभा सदस्य नंदकुमार सिंह चौहान "नंदू भैया" के कोरोना संक्रमण से निधन हो जाने के बाद रिक्त हुई खंडवा लोकसभा सीट पर हालांकि अभी चुनाव कब होंगे यह निश्चित नहीं है, लेकिन फिर भी भाजपा और कांग्रेस में दावेदार राजनेताओं के अरमान अभी से जवां होने लगे हैं। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इसके लिए तैयारियां भी प्रारंभ कर दी हैं। भाजपा और कांग्रेस से संभावित उम्मीदवारों के नाम भी सामने आने लगे हैं। मध्यप्रदेश युवा कांग्रेस की नजर इन दिनों पंचायती राज संस्थाओं के चुनावों पर टिक गई है और वह ग्रामीण अंचल में भाजपा की घेराबंदी करने के लिए 23 हजार ग्राम पंचायतों में अपनी ग्राम इकाई बनाने के महत्वाकांक्षी लक्ष्य को लेकर अपनी बिसात बिछा रही है। हर जिले में वह अपनी मीडिया टीम भी तैयार कर रही है और इसके लिए टैलेंट सर्च चालू हो गया है। युवा कांग्रेस ग्रामीण इलाकों में अपनी गतिविधियां बढ़ाने जा रही है। इस प्रकार यह कहा जा सकता है कि बीता हुआ साल और यह साल प्रदेश में चुनाव के नाम ही रहने वाला है।
कांग्रेस उपचुनाव की तैयारियां अभी से कर रही है ताकि वह अपनी मजबूत जमावट कर सके और भाजपा के मजबूत संगठन तथा सत्ता के सामने कड़े चुनावी संघर्ष करने के हालात पैदा कर सके। भाजपा तो हर समय चुनाव के लिए तैयार रहती है लेकिन कांग्रेस को तो चुनाव की संभावना नजर आने के बाद मैदानी जमावट करना होती है इसलिए उसने अपनी प्रारंभिक तैयारियां इसी सप्ताह चालू कर दी हैं। प्रदेश कांग्रेस के दो राष्ट्रीय सहप्रभारी सीपी मित्तल और कुलदीप इंदौरा आज और कल खंडवा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 2 जिलों के कांग्रेस नेताओं की बैठक लेकर तैयारियों की शुरुआत करेंगे। मित्तल और इंदौरा 6 अप्रैल को बुरहानपुर तथा 7 अप्रैल को खंडवा जिले में बैठक करेंगे तथा फीडबैक लेंगे। इसमें लोकसभा उपचुनाव की तैयारियां और रणनीति पर चर्चा होगी उसके साथ ही साथ कौन कांग्रेस की नजर में जिताऊ उम्मीदवार हो सकता है उसकी भी टोह लेंगे। मित्तल और इंदौरा जिला अध्यक्ष व ब्लॉक कांग्रेस अध्यक्ष, पूर्व एवं वर्तमान विधायक, पूर्व सांसद 2018 विधानसभा चुनाव में पार्टी के उम्मीदवार रहे नेताओं, 2019 में लोकसभा चुनाव लड़े प्रत्याशी पूर्व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष और पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव, स्थानीय प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारियों तथा प्रदेश प्रतिनिधियों एवं शहरी और ग्रामीण निकायों के वर्तमान और पूर्व पदाधिकारियों तथा सदस्यों और मोर्चा संगठनों के पदाधिकारियों तथा प्रमुख कांग्रेस जनों से चर्चा कर फीडबैक लेंगे। जहां तक कांग्रेस का सवाल है, प्रत्याशी चयन के लिए उसे ज्यादा मशक्कत नहीं करना पड़ेगी उस स्थिति को छोड़कर जबकि अरुण यादव खुद चुनाव लड़ने के इच्छुक ना हों।
भाजपा में उम्मीदवारी के दावेदार
भाजपा में अंदरखाने इस बात की चर्चा है कि पूर्व मंत्री तथा भाजपा के राष्ट्रीय महामंत्री व पश्चिम बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय सबसे मजबूत उम्मीदवार होंगे। लंबे अरसे से पश्चिम बंगाल में भाजपा के लिए उर्वरा जमीन तैयार वाले विजयवर्गीय की आगे क्या भूमिका होगी? इसको लेकर वहां के चुनाव समाप्त होते ही हाईकमान उनकी नई भूमिका के बारे में फैसला कर सकता है, इसलिए उनके नाम की चर्चा चल रही है । यदि हाईकमान विजयवर्गीय को केंद्रीय राजनीति में ही रखना चाहेगा तो फिर किसी अन्य के उम्मीदवार होने की संभावना बहुत कम रह जाएगी। वैसे पूर्व सांसद स्वर्गीय नंदकुमार सिंह चौहान के बेटे हर्ष चौहान का नाम स्थानीय कार्यकर्ता आगे बढ़ा रहे हैं, जबकि अन्य दावेदारों में पूर्व मंत्री अर्चना चिटनीस एवं दीपक जोशी के साथ ही पूर्व सांसद तथा इंदौर के पूर्व महापौर कृष्ण मुरारी मोघे का नाम भी सामने आ रहा है। मोघे खरगोन से लोकसभा सदस्य रह चुके हैं और लाभ के पद के मामले में तत्कालीन नेता प्रतिपक्ष जमुना देवी की पहल पर उन्हें अपनी सदस्यता से हाथ धोना पड़ा था तथा उसके बाद हुए उपचुनाव में वह अरुण यादव के हाथों एक लाख से अधिक मतों के अंतर से पराजित हो गए थे। भाजपा के प्रदेश संगठन महामंत्री रहे कद्दावर नेता मोघे उपचुनाव लड़ने को लेकर अपनी रुचि पार्टी को बता चुके हैं। खंडवा लोकसभा क्षेत्र में खरगोन लोकसभा क्षेत्र के 2 विधानसभा क्षेत्र आते हैं। खंडवा सीट पर भाजपा की मजबूत पकड़ रही है और केवल एक बार कांग्रेस उम्मीदवार के रूप में अरुण यादव नंदकुमार सिंह चौहान को पराजित कर चुके हैं। चौहान लोकसभा में 6 बार खंडवा क्षेत्र का प्रतिनिधि कर चुके हैं। इस सीट पर अर्चना चिटनिस और दीपक जोशी की भी निगाहें टिकी हुई हैं। अर्चना चिटनिस का भी अच्छा खासा प्रभाव बुरहानपुर और खंडवा जिले में है तथा उनके पिता और पूर्व विधानसभा अध्यक्ष बृज मोहन मिश्रा इस अंचल के जाने-माने भाजपा नेता रहे हैं। पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी का निर्वाचन क्षेत्र बागली लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत आता है ,इसलिए उनके बेटे दीपक जोशी का नाम भी चल रहा है। जोशी का कहना है कि उन्हें पार्टी का हर निर्णय मंजूर है लेकिन वह स्वीकार करते हैं कि क्षेत्रीय कार्यकर्ताओं ने उनके नाम का सुझाव अपनी तरफ से पार्टी को दिया है। खंडवा लोकसभा क्षेत्र बुरहानपुर, खंडवा, खरगोन और देवास जिले तक फैला हुआ है।
और अंत में............
मध्य प्रदेश युवा कांग्रेस प्रदेश की सभी 23000 ग्राम पंचायतों में ग्राम इकाई तैयार कर रही है और इसके साथ ही प्रदेश के हर गांव में उसका एक प्रतिनिधि तैनात होगा जो ग्राम प्रमुख कहलाएगा। युवा कांग्रेस का प्रयास है कि पंचायत चुनाव से पहले ही गांव तक संगठन खड़ा हो जाए तथा इसमें उन लोगों को जोड़ा जा रहा है जिनका विश्वास कांग्रेस की विचारधारा में है। युवा कांग्रेस महंगाई के विरुद्ध भी हर जिला स्तर पर आंदोलन करने की तैयारी कर रही है। प्रदेश युवा मीडिया विवेक त्रिपाठी का कहना है कि मीडिया विभाग युवाओं की आवाज बनकर उभर रहा है। युवा कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी राहुल राव ने कहा कि प्रदेश के युवाओं में प्रतिभा की कमी नही है कमी सिर्फ सही समय पर अच्छे प्लेटफॉर्म की है। राव ने प्रदेश भर से आये उन युवाओं का साक्षात्कार भी किया जिन्होंने युवा कांग्रेस मीडिया विभाग की टीम में शामिल होने के लिए आवेदन किया है। प्रदेश अध्यक्ष विक्रांत भूरिया ने कहा है कि कांग्रेस युवाओं के लिए जमीनी लड़ाई लड़ रही है जिसको जनता और युवाओं के बीच पहुचाने का कार्य मीडिया विभाग कर रहा है।
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