कोई भी सरकारी काम हो, आपको कोई लाइसेंस लेना हो, नक्शा पास कराना हो, नामांतरण कराना हो, बैंक से लोन लेन हो, पासपोर्ट बनवाना हो, मैरिज सर्टिफिकेट या बर्थ सर्टिफिकेट लेना हो, हर जगह कंप्यूटरीकरण व्यवस्था है। पर आज भी प्रत्येक डॉक्यूमेंट की हार्ड काॅपी मांगी जाती है। जैसे नामांतरण कराना है तो आपको चालू वर्ष की खसरा नकल, रजिस्ट्री की फोटो कॉपी आदि कई कागजात लगते हैं। बैंक लोन के लिए तो 40-50 कागजों का पुलिंदा बन जाता है। जब सब जगह ऑनलाइन सिस्टम है तो बार-बार आधार/पेन कार्ड, एज प्रूफ, स्थाई निवासी प्रमाण जैसे कागजात हर जगह क्यों मांगे जाते हैं। आधार नंबर लो और कंप्यूटर पर चेक कर लो। यहां इस बात का भी उल्लेख करूंगा कि कई अखबार जिनका सरकुलेशन बहुत ज्यादा होता है उनके प्रतिदिन अखबार के करीब 18-20 पेज होते हैं और सभी मिजाज के पाठक के लिए उसमें अलग-अलग कंटेंट भी होते है और और खर्च निकालने और कमाई के लिये काफी विज्ञापन की जगह चाहिए। जबकि कागज बनाने के लिए कई वृक्ष की आहुति लग जाती है, देखिए मजे की बात है कि उन्ही अखबारों में पर्यावरण की दुहाई होती है।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
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छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…