महामारी और बीमारीयो ने छीन लि कई जिन्दगीऔर पैसे से लूटा गए कई परिवार। यह कटु सत्य है अभी मेडिकल प्रोफेशन मैं फैली अराजकता और बेहाली के लिए शासन प्रशासन जितने जिम्मेदार है हम भी उतने ही जिम्मेदार है। हॉस्पिटल जनता को लूटते रहे, मीडिया और जनप्रतिनिधि उन्हें चेताने में फैल रहे। मेडिकल काउंसिल की रिपोर्ट डॉक्टर को बचा लेती है। हममे से कई स्वयं अपने खुद के परिवार के स्वास्थ्य के प्रति बेहद लापरवाह रहे। प्रकृति से दूर रहना मानो अब हमारा स्वभाव हो गया, हमने हमारा शरीर इतना कमजोर बना लिया है जरा सा भी कुछ हो तो हम तुरंत डॉक्टर के पास इलाज के लिए पहुंच जाते हैं। जबकि हम सब जानते हैं कि हमारा शरीर स्वयं अपने आप पर इलाज कर सकता है। शरीर में यदी कोई भी व्याधि आती है तो उसका इलाज हमारा स्वयं शरीर कर सकता है। चमड़ी कटने पर नई चमड़ी आती है, हड्डी टूटने पर हड्डी स्वयं जुड़ती है पर हमने हमारे शरीर के विज्ञान को समझने के बजाय भौतिक विज्ञान को ज्यादा समझने में ध्यान दें दीया। आने वाली पीढ़ी को स्वयं के स्वास्थ्य की जागरूकता के बारे में ज्यादा माहिती होना चाहिए, ऐसा प्रयास रहे कम से कम आने वाली पीढ़ी मजबूत रहें। प्रकृति के नियम के अनुसार महामारी आएगी और हमें मारेगी उसका सामना करना है यदि हम शरीफ से और दिमाग से मजबूत है तो हम पूरी तरह सामना कर पाएंगे । अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…