कंपटीशन याने स्पर्धा, प्रतिद्वंदिता, संघर्ष ये वह शब्द है जो आपको किसी भी अच्छे या बुरे परिणाम पर ले जाते है। आगे न बढ़ पाने पर डिप्रेशन या स्वयं को कमजोर महसूस करेगे। देखा जाए तो प्राकृतिक जिंदगी में कंपटीशन नाम की जरूरत नहीं है आप जो हैं, जैसे हैं अच्छे हैं। आप जिस हालात में किस्मत से है तुलनात्मक स्वभाव में जाएगे तो कभी चैन और सुकून से नहीं रहेगे। कुछ हासिल करने के लिए कंपटीशन की भावना न रखें बल्कि अच्छे सोच एवं विचार बढ़ाने के लिए कंपटीशन करें। कई बच्चे स्कूल रिजल्ट अच्छा नहीं आने से वे डिप्रेशन में जाते है या वे सुसाइड करते हैं इसलिए ऐसी कंपटीशन भावना बच्चों में न डाले। बजाय कंपटीशन उन्हें प्रेरणास्पद विचार दे, उन्हे बताये प्रेरणा और कोशिश करके आगे आये। व्यापार में भी कंपटीशन न करे। कंपटीशन से किसी को फायदा तो किसी को नुकसान होता है परंतु हमेशा प्रेरणा और आदर्शता से सफलता मिलती है। कई आदमी जिंदगी से हार कर सुसाइड का रास्ता पकड़ते है यदि उन्हे कोई प्रेरणा देने वाला होता तो वे सुसाइड के बजाय मुश्किलों से सामना करना सिखते, इसलिए बच्चे - बड़े सभी ने सबक लेना चाहिए कि कोई कितना भी कहे जिंदगी में कभी किसी से अधिक पाने के लिए कंपटीशन नहीं करना है हमें सिर्फ प्रेरणा लेकर ठंडे दिमाग से स्वयं की कोशिश से आगे बढ़ना है और अपने आप को उत्साहवर्धक बनाए रखना है। हमारा आत्म विश्वास हमेशा हमें आगे लाएगा।
अशोक मेहता, (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
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