इजराइल की नेतन्याहू सरकार को रविवार को बड़ा झटका लगा है। 3 सदस्यों वाली वॉर कैबिनेट के मुख्य सदस्य बेनी गैंट्ज ने इस्तीफा दे दिया है। अलजजीरा की रिपोर्ट के मुताबिक गैंट्ज के इस्तीफे की वजह गाजा युद्ध में होस्टेज (युद्ध बंधक) डील को लेकर PM नेतन्याहू का रवैया है।
गैंट्ज़ का यह फैसला ऐसे समय में आया है जब इजराइल और हमास के बीच चल रही जंग को 8 महीने हो चुके हैं, और पश्चिम एशिया में स्थिति नाजुक बनी हुई है।
एक टीवी चैनल पर अपना फैसला सुनाते हुए गैंट्ज ने कहा- नेतन्याहू की वजह से हम हमास का खात्मा नहीं कर पा रहे हैं। इसलिए इमरजेंसी गवर्नमेंट को भारी मन से, लेकिन आत्मविश्वास के साथ छोड़ रहे हैं।
दूसरी ओर, नेतन्याहू ने गैंट्ज से फैसला वापस लेने की बात कही है। उन्होंने कहा कि यह समय लड़ाई से पीछे हटने का नहीं बल्कि इसमें शामिल होने का है।
नेतन्याहू से कहा- भरोसेमंद सरकार के लिए चुनाव करवाएं
गैंट्ज ने नेतन्याहू से अपील की- सर्वमान्य तारीख पर चुनाव होने चाहिए, जिससे ऐसी सरकार बने जो लोगों का विश्वास जीत सके और चुनौतियों का सामना कर सके। गैंट्ज ने कहा कि विरोध प्रदर्शन महत्वपूर्ण हैं, लेकिन उन्हें कानूनी ढंग से चलाने की जरूरत है। उन्हें नफरत को बढ़ावा नहीं देना चाहिए। हम एक-दूसरे के दुश्मन नहीं हैं। हमारे दुश्मन हमारी सीमाओं के बाहर हैं।
गैंट्ज ने इजरायल के रक्षा मंत्री योआव गैलेंट से भी अपील करते हुए कहा कि वे वही करें, जो सही है।
हमास पर हमले के तुरंत बाद नेतन्याहू सरकार में आए थे गैंट्ज
इजराइल में, पूर्व सैन्य प्रमुख गैंट्ज को नेतन्याहू के प्रमुख राजनीतिक विरोधी के रूप में देखा जाता है। वॉर कैबिनेट में शामिल होने से पहले, वे विपक्ष के एक प्रमुख सदस्य थे। वे 7 अक्टूबर को हमास के हमले के तुरंत बाद नेतन्याहू की सरकार में शामिल हो गए थे। नेतन्याहू सरकार में उनकी मौजूदगी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इजराइल की विश्वसनीयता को भी बढ़ाया। गैंट्ज के अमेरिकी अधिकारियों के साथ भी अच्छे कामकाजी संबंध हैं।
हालांकि, गैंट्ज के इस कदम से प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को फिलहाल कोई खतरा नहीं है। क्योंकि वे अभी भी इजराइली संसद नीसेट में बहुमत वाले गठबंधन पर कंट्रोल रखते हैं। 120 सीटों वाली नीसेट में गैंट्ज के जाने के बाद भी 64 सीटों पर बहुमत नेतन्याहू के साथ ही रहेगा।
जंग में 37 हजार फिलिस्तीनियों की मौत
इजराइल-हमास जंग के बीच पिछले 8 महीने से जंग जारी है। इसमें अब तक 37 हजार फिलिस्तीनियों की मौत हो चुकी है। गाजा के करीब 80% लोग बेघर हो गए।