इजराइल ने शनिवार को गाजा में ऑपरेशन चलाकर 7 अक्टूबर को नोवा म्यूजिक फेस्टिवल से अगवा किए गए 4 बंधकों को रिहा करा लिया। हमास के कंट्रोल वाली गाजा की हेल्थ मिनिस्ट्री ने दावा किया है कि हमले में 274 फिलिस्तीनियों की मौत हुई है।
इजराइली सेना IDF के एडमिरल डैनियल हगारी ने प्रेस ब्रीफिंग में बताया कि उन्होंने गाजा के अंदर इस ऑपरेशन को कैसे अंजाम दिया। CNN न्यूज के मुताबिक, ऑपरेशन की प्लानिंग कई हफ्तों पहले शुरू हो चुकी थी। इजराइल को अमेरिका के खुफिया सूत्रों से जानकारी मिली थी, कि हमास ने नुसीरत रिफ्यूजी कैंप में 4 बंधकों को छिपा रखा है।
इसके बाद इजराइली सेना ने गाजा में मौजूद इमारतों और अपार्टमेंट की तर्ज पर बिल्डिंग के मॉडल्स बनाए। यहां पर हफ्तों तक सैनिकों ने ऑपरेशन के लिए ट्रेनिंग की। इस बीच सेना ने लगातार गाजा में हमास के ठिकानों पर हमले किए, जिससे उनके डिफेंस को कमजोर किया जा सके।
1976 के ऑपरेशन के तर्ज पर की ट्रेनिंग
इजराइल के सैनिकों ने ट्रेनिंग के दौरान 1976 में अपने कमांडो के 'एनतबे ऑपरेशन' को पैरामीटर बनाकर मिलिट्री ड्रिल्स की। दरअसल, 1976 में 4 आतंकियों ने मिलकर इजराइल से पेरिस जा रही एक फ्लाइट को हाइजैक कर लिया था।
वे इसे युगांडा के एनतबे एयरपोर्ट ले गए थे। पैसेंजर्स की आजादी के बदले उन्होंने दुनियाभर से सैकड़ों कैदियों को रिहा करने की मांग की थी। बाद में इजराइल ने युगांडा में 'एनतबे ऑपरेशन' चलाकर 100 बंधकों को आजाद कराया था।
गाजा से बंधकों को निकालने के लिए प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और रक्षा मंत्री योव गैलेंट ने 6 जून की शाम को इस ऑपरेशन की इजाजत दे दी थी। इसके लिए उन्होंने वॉर कैबिनेट की बैठक भी रद्द कर दी थी।
सैनिकों ने 2 टुकड़ियों में बंट कर रेड डाली
शनिवार (8 जून) को सुबह 11 बजे इजराइल की यमाम और शिन बेत फोर्स के अधिकारियों ने सैनिकों को गाजा पर हमला करने का आदेश दिया। उन्हें 2 हिस्सों में बांटा गया। फिर गाजा की 2 इमारतों में रेड डाली। दरअसल, हमास ने चारों बंधकों को 2 अपार्टमेंट में छिपा रखा था।
इनमें से एक में 26 साल की नोआ आर्गामनी थी। वहीं दूसरे में 41 साल के श्लोमी जिव, 27 साल के आंद्रे कोजलोव और 22 साल के एल्मोग मीर कैद थे। IDF अधिकारी ने बताया कि सभी कैदियों को कमरों में बंद करके रखा गया। इन कमरों के बाहर गार्ड्स तैनात थे।
इजराइल के चैनल 12 की रिपोर्ट के मुताबिक हमास बंधकों को अपने घरों में रखने के बदले फिलिस्तीनियों को पैसे देता है। रेड के दौरान इजराइली सैनिक कमरों में दाखिल हुए। वे बंधकों को अपने पीछे छिपाते हुए बाहर लेकर आए और उन्हें अपनी गाड़ियों में बैठाया। इस बीच इजराइली सेना लगातार गाजा पर हवाई हमले कर रही थी।
फिलिस्तीनी बोले- 10 मिनट में 150 रॉकेट बरसे
निदाल अब्दो नाम के फिलिस्तीनी ने CNN को बताया कि वह मार्केट में सामान ले रहा था, जब अचानक आसमान से बम बरसने लगे। ऐसा नजारा उन्होंने पहले कभी नहीं देखा था। ऐसा लगा जैसे 10 मिनट के अंदर 150 रॉकेट गाजा में गिरे। छोटे-छोटे बच्चे नुसीरत कैंप में इधर-उधर भाग रहे थे।
इजराइली सेना ने बताया कि जब वे बंधकों को मिलिट्री हेलिकॉप्टर की तरफ लेकर जा रहे थे, तब हमास के लड़ाकों ने उन पर ताबड़तोड़ फायरिंग की। इस दौरान इजराइली कमांडर आर्नन जमोरा बुरी तरह से घायल हो गया। मुठभेड़ के दौरान इजराइल ने हमास के कई लड़ाकों को मार गिराया।
इसके बाद सेना ने सभी बंधकों को एयरलिफ्ट करके इजराइल के हाशोमर अस्पतला पहुंचाया। IDF ने इस बात को माना है कि उनके हमले में फिलिस्तीनियों की मौत हुई। हालांकि, उन्होंने इसका पूरा इल्जाम हमास पर डाला। IDF ने कहा कि हमास ने जानबूझकर बंधकों को आम नागरिकों के बीच छिपाया है, जिससे उन्हें आसानी ने रेस्क्यू न किया जा सके।