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क्या अब कोरोना की नज़र मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश एवं बिहार के मुख्यमंत्रियों पर हैं ?

Updated on 07-06-2021 01:08 PM
अभी तक तो कोरोना ने भारत के नागरिकों को बहुत परेशान किया अब इस वायरस का मन धीरे धीरे भारत की आम जनता से हटता जा रहा है,अब इसकी नज़र मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश एवं बिहार के मुख्यमंत्रियों पर जा टिक्की है।
रोज़ ऐसी खबरें आ रही हैं,इन तीनों राज्यों में कुछ ना कुछ तो चल रहा है,जब आग लगती है,तो धुआ तो उठता है,अचानक दिल्ली से बड़े नेताओं का इन राज्यों में आना और बंद कमरों में बैठक होना, बैठक के बाद बाहर निकलते नेताओं के चेहरों के रंग बदलना,किसी का चेहरे पर हवाइयां उड़ना किसी के चेहरे पर लाली आना ।
 उत्तर प्रदेश में बदलाव की अटकलों को हवा और लगी जब  प्रधानमंत्री आवास पर पीएम के साथ भा जा पा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की  बैठक हुई, इस बैठक में भा जा पा के कई महासचिव भी शामिल हुए,खास बात यह है,कि इस मीटिंग से पहले लखनऊ की राज्यपाल आनंदी बेन पटेल से यूपी भा जा पा प्रभारी राधा मोहन सिंह ने मुलाकात की और राज्यपाल को एक बंद लिफाफा दिया। उधर भा ज पा नेता एवं भा जा पा के प्रदेश उपाध्यक्ष  जे पी एस राठौर कह रहे हैं"सब ठीक ही चल रहा है", ऑल इज़ वेल, भा जा पा में इस मुद्दे पर कोई नेता बोलने को तैयार नहीं हैं,यहां तक कि वो नेता भी नहीं,जो योगी सरकार पर उंगली उठाते रहे हैं,भा जा पा के प्रदेश उपाध्यक्ष जे पी एस राठौर तो कहते हैं कि दो हफ़्ते बैठकों का जो दौर रहा,वह परिवर्तनों के लिए नहीं बल्कि सरकार और संगठन के बीच समन्वय के मक़सद से होने वाली सामान्य बैठकें थीं । राठौर कहते हैं, "निर्णय तो राष्ट्रीय नेतृत्व को करना है,बाक़ी परिवर्तन की कोई ज़रूरत तो है नहीं,सब ठीक ही चल रहा है ।
बदलाव की अटकलें की वजह बहुत सारी हो सकती है ।
* उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में योगी  का जादू इतना नहीं चला, जितना दिल्ली दरबार  को उम्मीद थी  ।
*  कोरोना महामारी में अकाल मौतें एवं उत्तर प्रदेश के घाटों पर लाशों के ढेर । 
 * कोरोना महामारी में प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र को अनदेखा करना ।
* राम मंदिर बनाने का श्रेय लेना ।
* प्रधानमंत्री के पद का दावेदार समझना । 
* बंगाल चुनाव में योगी का जादू ना चलना ।
अगर उत्तर प्रदेश में बदलाव होता है,तो इनमें से कुछ ना कुछ वजह जरूर होगी 
 मध्यप्रदेश में भी बदलाव की अटकलों का बाज़ार गर्म है, अचानक भाजपा के वरिष्ठ नेताओं एवं संगठन के पदाधिकारियों का भोपाल में दस्तक देना एवं वरिष्ठ मंत्री से बंद कमरे में मुलाकात करना यह सब चीज़े  बदलाव की अटकलों को और हवा दे रही है । ऐसा क्या हो गया मध्य प्रदेश में जो अचानक भाजपा के वरिष्ठ नेता गणों एवं संगठन के पदाधिकारियों को आ कर मध्य प्रदेश के एक वरिष्ठ मंत्री से मुलाकात करना, घंटों बंद कमरे में बैठक चलना,जब भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं संगठन पदाधिकारी  बाहर निकलते हैं, तो यही कहते हैं, वह सौजन्य भेंट के लिए भोपाल आए थे ।
 बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन की सरकार भले ही चल रही हो और कई नेता गठबंधन के एकजुट होने का दावा भी कर रहे हों,मगर घटक दलों के रिश्ते में खटास गाहे-बगाहे जरूर सामने आती रही है । पूर्व केंद्रीय मंत्री उपेंद्र कुशवाहा ने बिहार भाजपा के अध्यक्ष संजय जायसवाल से बड़ा तल्ख सवाल किया ।
भाजपा के टुन्ना पांडेय ने कहा कि नीतीश कुमार सत्ता तंत्र का दुरुपयोग कर मुख्यमंत्री बने हुए हैं,उन्होंने मुख्यमंत्री पर और भी कई गंभीर आरोप हाल के दिनों में लगाए हैं।भले भाजपा के टुन्ना पांडेय की गिनती बड़े नेताओं में नहीं आती हो पर ऐसा लगता है बोल किसी और के और ज़बान पांडेय की । वैसे भी नीतीश कुमार का पुराना इतिहास देखा जाए तो वह कुर्सी के लिए किसी का भी साथ छोड़ देते हैं,और किसी से भी हाथ मिला लेते हैं ।
मध्य प्रदेश उत्तर प्रदेश और बिहार की राजनीति का ऊँट किस  करवट बैठता है, इन राज्यों में वही मुख्यमंत्री रहते हैं या कोई बदलाव देखने को मिल सकता है।
अपने नहीं हुए, 
 उसके क्या होंगे। 
 कुर्सी के लिए, 
 एक खींचे, 
 दूसरा दे धक्का । 
 कुर्सी के लिए, 
 हंगामा है पक्का ।।
मोहम्मद जावेद खान,लेखक                                                ये लेखक के अपने विचार है I 
  संपादक, भोपाल मेट्रो न्यूज़

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