नई दिल्ली। भारत और चीन के बीच बीते एक महीने से पूर्वी लद्दाख सीमा पर तनाव के हालात हैं। इस समस्या के समाधान के लिए दोनों पक्षों की शनिवार को महत्वपूर्ण बैठक होने जा रही है। लेकिन इससे पहले सीमा पर गतिविधियां बढ़ गई हैं। भारतीय सेना ने पूरी वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर अपनी पोजीशन मजबूत कर ली है और एयर फोर्स भी अलर्ट पर है।
सूत्रों ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में अक्साई चिन इलाके में चीन के लड़ाकू विमानों की हलचल बढ़ गई है। भारतीय वायुसेना उनकी हरकतों पर नजर बनाए हुए है और उसने भी उस इलाके में अपनी गश्त बढ़ा दी है। चीन की वायुसेना सीमा के करीब युद्ध अभ्यास कर रही है और उसके विमान सीमा पर 10 किमी के नो फ्लाई जोन के दायरे में नहीं आए हैं लेकिन भारतीय वायु सेना ने वहां अपनी मौजूदगी बढ़ा दी है। लद्दाख क्षेत्र में भारतीय वायुसेना बेहतर स्थिति में है। श्रीनगर और चंडीगढ़ एयर बेस से शॉर्ट नोटिस पर वायुसेना के लड़ाकू विमान पूरे ईंधन और हथियारों के साथ उड़ान भर सकते हैं। दूसरी ओर चीन के एयर बेस बेहद ऊंचाई पर स्थित हैं जिससे उसके विमान ज्यादा पेलोड (हथियार) और ईंधन ले जाने में सक्षम नहीं हैं।
चीन के किसी भी दुस्साहस का मुंहतोड़ जवाब देने के लिए भारत ने लद्दाख से अरुणाचल प्रदेश तक फैली 3488 किमी लंबी एलएसी पर सेना की तैनाती बढ़ा दी है। खासकर उत्तराखंड और सिक्किम सीमा पर सेना ने अतिरिक्त टुकड़ियों को भेजा है। ऐसी खबरें थीं कि चीन वहां बड़े पैमाने पर अपने सैनिकों की तैनाती कर रहा है। सूत्रों का कहना है कि सीमा पर तैनाती बढ़ाने का शनिवार को पूर्वी लद्दाख में होने वाली लेफ्टिनेंट जनरल स्तर की बातचीत से कोई सीधा संबंध नहीं है लेकिन चीन की तरफ सेना की बढ़ती तैनाती के मद्देनजर भारत ने भी अपने सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। अधिकारियों का कहना है कि पूरी एलएसी पर गश्त, सैनिकों की तैनाती और निगरानी के लिए यूएवी का इस्तेमाल बढ़ा दिया गया है। सूत्रों के मुताबिक लद्दाख के अलावा चीन के सेना ने सिक्किम में भी कुछ इलाकों पर घुसपैठ की है जहां पहले भारतीय सैनिक गश्त किया करते थे। इससे दोनों पक्षों में तनाव पैदा हुआ है। लद्दाख में जारी तनातनी से दूसरे सीमावर्ती राज्यों में भी अलर्ट जारी किया गया है और एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। एक सरकारी अधिकारी ने कहा कि भारत ने सीमा पर पर्याप्त सैनिक तैनात किए हैं। हालांकि उन्होंने इस बारे में विस्तृत जानकारी देने से इनकार कर दिया।
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