इंडिया अलायंस में भारतीयता का अभाव लेखक–सत्येन्द्र जैन
Updated on
28-07-2023 01:24 PM
भारतीय लोकतंत्र में बहुदलीय व्यवस्था (मल्टी पार्टी सिस्टम) को स्वीकार किया गया है। स्वतंत्रता के बाद प्रथम फ़्लाइक में कांग्रेस के विरुद्ध अन्य फ़्लीट फ़्लीट चुनाव लड़ती रैली। वर्ष 1998 में स्वतंत्रता के 50वें वर्ष के स्वर्ण काल के बाद प्रथम भारतीय जनता पार्टी ने देश की राजनीति को दो ध्रुवीय (बायपोलर) राजनीति में परिणित किया। भाजपा ने कांग्रेस के खिलाफ अपना गठबंधन तैयार किया। यह लोकतंत्र की बहुत बड़ी उपलब्धि सिद्ध हुई। भारतीय जन मानस की बहुदलीय व्यवस्था होने के बाद भी दो ध्रुवीय गठबंधन में से किसी एक ध्रुव या गठबंधन को बढ़ावा का सरल-सहज मार्ग सामने आया। बीजेपी ने गठबंधन कर राष्ट्रीय जनतांत्रिक एलायंस (राजग) या नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस (एनडीए) का निर्माण किया। समता पार्टी के जार्ज फर्नांडीज को बंधक का दायित्व सौंपा गया था। इस गठबंधन ने छह साल तक प्रधानमंत्री अटल बिहारी बिहारी जी का नेतृत्व सरकार में किया निर्भय संचालित की। वर्ष 2004 में कांग्रेस के नेतृत्व में पार्टी (यूनाइटेड प्रोग्रेसिव एलसाइंस) गठबंधन की स्थापना के बाद सामान्य चुनाव हुआ। सोनिया गांधी इंजीनियर्स सहयोगियों के साथ।दस साल तक प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह रहे। अब बिजनेसमैन ने अपना नाम बदल लिया है।आगामी वर्ष 2024 में आम चुनाव के दृष्टिगत स्थान को टक्कर देने के लिए आमिर खान गठबंधन ने नया नाम इंडिया (इंडियन नेशनल इंकलक्लूसिव एलाइंसेस) रखा है। हिंदी में कहना है तो भारतीय राष्ट्रीय विकासवादी समाजवादी गठबंधन है। लेकिन आज जो छब्बीस दल इस भारत गठबंधन में शामिल हैं। उन्होंने भारतीयता को सर्वोपरी नहीं रखा है। अगर 10 साल के डॉक्टर मनमोहन सिंह के नाम का अध्ययन किया जाए, तो भारतीयता का अभाव ज्ञात होता है। एलायंस के समग्र गठबंधन पर बीस लाख करोड़ के घाटालों का अनुमान है। राजस्थान में कांग्रेस सरकार के अध्यक्ष पद के मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने विधानसभा में लाल रंग की डायरी में कांग्रेस के नेताओं का उल्लेख करते हुए सदन में चर्चा की मांग की, विधानसभा अध्यक्ष ने इसे अस्वीकार कर दिया। यह लाल डायरी कांग्रेस के काले कारनामों से भरी पड़ी है। क्या पूरक, भारत का पर्याय हो सकता है? यह तो ईस्ट इंडिया कंपनी की फैमिली इंडिया की लूट का पर्याय हो सकता है।
राहुल गांधी निबंधकार लोगों का समर्थन करते हैं। भारत की संसद पर आतंकवादी हमलों के सबसे बड़े अफजल के समर्थन में - अफजल हम शर्मिंदा हैं तेरा कातिल जिंदा हैं -जानसे नारे लगाते हुए लोग राहुल गांधी का समर्थन करते हैं। यह भारतीयता नहीं है। राहुल की यह कोशिश भारत को तोड़ने वाली शीट-टुकड़े गैंग का समर्थन करना है। राहुल गांधी संसद में भारत को नहीं अंगीकार करते हैं। इंडिया इज नोट इंडिया इट्स ए यूनियन ऑफ स्टेट्स कहते हैं। भारत भारत राज्य का संघ नहीं है। किंतु स्टूडियो का नाम भारत है। यह भारतीयता का नहीं, साउदीपर्टा का द्योतक है। भारतीय जन मानस भली परिचित है। जबकि भारत का वर्णन हजारों साल पहले हमारे पुराणों में ही वर्णित है -
उत्तरं यत् समुद्रस्य,हिमाद्रेश्चैव दक्षिणम्।
वर्षं तद् भारतं नाम,भारती यत्र सन्ततिः।
अर्थात समुद्र के उत्तर एवं हिमालय के दक्षिण में जो देश स्थित है उसे भारत एवं उसके संतों को भारती कहा जाता है।
राहुल गांधी विदेश मंत्री ने लंदन में साक्षात्कार देते हुए भारत के लोकतंत्र की रक्षा के लिए ब्रिटिश से सहायता की मांग की है। ये इंडिया का द्योतक नहीं है. यह तो स्वदेशी अपमान को बढ़ावा देता है। केरल में इंडिया अलायंस के सहयोगी इंडियन मुस्लिम लीग के नेता और कई गुटों ने यूसीसी विरोधी रैली में हिंदुओं को मंदिर में फंसा देंगे, जला देंगे के नारे लगाए हैं। यह भारत को कलंकित करने वाला है। इस मुस्लिम एलायंस लीग के साथी को गले लगाया जा रहा है। बंगाल में कैथोलिक कांग्रेस के कैथोलिकों ने कांग्रेस की महिला नेत्री को नग्न कर अपमानित किया। पंचायत चुनाव में कांग्रेस और कम्युनिस्ट पार्टी की विचारधारा को झटका लगा है। कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, बंगाल और अधीरता चौधरी, चौधरी, कांग्रेस के सिद्धांतकारों को कह रहे हैं।
इस गठबंधन में शामिल हैं इंटरनैशनल क्रिएटिविटी, समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन का नाम इंडियन नेशनल डेमोक्रेटिक इंक्लूसिव एलायंस मैन सोशल मीडिया द्वारा प्रसारित किया जा रहा है। जबकि कांग्रेस इंडियन नेशनल इनक्लूसिव एलायंस का कहना है। इन सभी विरोधाभासों के बाद यह गठबंधन भंगता और आभासी उपस्थिति होती है। जिसमें भारतीयता का अभाव है।
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