अंबाला । सीमा पर तनाव के बीचl भारतीय वायुसेना को नई ताकत मिलने वाली है। फ्रांस से खरीदा गया बहुप्रतिक्षीत अत्याधुनिक लड़ाकू विमान राफेल आखिरकार औपचारिक रूप से वायु सेना के लड़ाकू विमानों के बेड़े में शामिल होगा। अंबाला एयरबेस पर आयोजित भव्य कार्यक्रम में एयरफोर्स को 5 राफेल सौंप दिए जाएंगे। इस मौके पर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के साथ फ्रांस की रक्षा मंत्री भी समारोह में शिरकत कर रही हैं। हरियाणा के अंबाला स्थित वायु सेना स्टेशन में एक शानदार समारोह में यह विमान वायु सेना के गोल्डन एरो स्क्वाड्रन का हिस्सा बनेगा। अत्याधुनिक लड़ाकू विमानों की कमी का सामना कर रही भारतीय वायु सेना के लिए इस दिन को काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है, क्योंकि क्षेत्र में शक्ति संतुलन को बदलने की ताकत रखने वाला राफेल इसी दिन उसके लड़ाकू विमानों के बेड़े की शान बनेगा। वायु सेना के लिए तुरूप का इक्का माने जाने वाले पांच राफेल विमानों की पहली खेप 27 जुलाई को ही भारत आयी थी। वायु सेना ने 59 हजार करोड़ रुपये की लागत से फ्रांस से 36 राफेल लड़ाकू विमान खरीद का सौदा किया है। चार और राफेल विमानों की अगली खेप के अक्टूबर में आने की संभावना है। इस समारोह में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत, वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आर के एस भदौरिया, रक्षा सचिव डॉ. अजय कुमार, डीआरडीओ के अध्यक्ष डॉ. जी सतीश रेड्डी, रक्षा मंत्रालय और सशस्त्र बलों के कई वरिष्ठ अधिकारी भी उपस्थित रहेंगे। अंबाला वायु सेना स्टेशन पर राफेल विमान का औपचारिक अनावरण पारंपरिक रूप से आयोजित 'सर्वधर्म पूजा' के साथ किया जाएगा और फिर फ्लाई पास्ट भी होगा। इस मौके पर राफेल, स्वेदशी विमान तेजस और सारंग एयरोबेटिक टीम अपनी करतबाजी दिखायेगी। बाद में राफेल विमान को पारंपरिक तरीके से वाटर कैनन की सलामी दी जाएगी। समारोह का समापन वायुसेना के 17वें स्क्वाड्रन में राफेल विमान को विधिवत शामिल किए जाने के साथ होगा। इस अवसर पर फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल का प्रतिनिधित्व भारत में फ्रांस के राजदूत इमैनुएल लेनिन, वायु सेना प्रमुख एरिक ऑटेलेट, फ्रांसीसी वायु सेना के उप प्रमुख और अन्य वरिष्ठ अधिकारी करेंगे। राफेल विमान बनाने वाली डसॉल्ट एविएशन के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक ट्रैपीयर और एमबीडीए के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एरिक बेरांगर समेत फ्रांसीसी रक्षा उद्योग के कई अधिकारियों का एक बड़ा प्रतिनिधिमंडल भी वहां मौजूद रहेगा। आयोजन के बाद भारतीय और फ्रांसीसी प्रतिनिधिमंडल की द्विपक्षीय बैठक होगी।