नई दिल्ली । भारत कोरोना वायरस संकट से लड़ने में मानवता की मदद के लिए टीका उत्पादन और आपूर्ति में अपनी क्षमता का इस्तेमाल करेगा। विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला ने भारत में विभिन्न देशों के राजदूतों और उच्चायुक्तों के साथ बातचीत में यह संदेश दिया।
उन्होंने कहा, 'कई देश टीके की आपूर्ति के लिए हमसे संपर्क कर रहे हैं। मैं अपने प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दोहराता हूं कि इस संकट से लड़ने में मानवता की पूरी मदद करने के लिए टीका उत्पादन और वितरण की भारत की क्षमता का उपयोग किया जाएगा। भारत टीकों की आपूर्ति के लिए कोल्ड चेन तथा भंडारण क्षमता बढ़ाने में भी इच्छुक देशों की मदद करेगा।' इस संवाद का आयोजन भारत में कोविड-19 टीका विकास कार्यक्रम, आपूर्ति प्रणाली प्रबंधन और इस संबंध में अंतरराष्ट्रीय सहयोग की रूपरेखा से दूतों को अवगत कराने के लिए किया गया था।
इस कार्यक्रम में 190 डिप्लोमैटिक मिशन के प्रमुख और इंटरनैशनल ऑर्गनाइजेशन के प्रतिनिधि शामिल हुए थे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा कि भारत अपने सहयोगी देशों के साथ कोरोना के खिलाफ जंग में मार्च से ही लगा हुआ है। भारत ने कोरोना कंट्रोल को लेकर अपनी रणनीति के बारे में बताया। इसके अलावा वैक्सीन निर्माण प्रक्रिया किस चरण में है, उसको लेकर भी जानकारी दी।
श्रृंगला ने कहा कि भारत टीकों को विकसित करने की दिशा में अग्रसर है। उन्होंने कहा, "हम अपने कुछ सहयोगी देशों में तीसरे चरण के परीक्षणों की संभावना तलाश रहे हैं। हम टीके के विकास के क्षेत्र में अनुसंधान सहयोग के लिए भी उत्सुक हैं। इच्छा के आधार पर हम कुछ देशों में टीकों के संयुक्त उत्पादन की दिशा में आगे बढ़ सकते हैं।' विदेश सचिव ने भारत में कोरोना वायरस संक्रमण की चर्चा करते हुए कहा कि कुछ हफ्ता पहले करीब एक लाख मामले सामने आ रहे थे और यह संख्या अब 50,000 से कम हो गयी है।