नई दिल्ली । पाकिस्तानी जेल में जासूसी के आरोप में बंद भारतीय नागरिक कुलभूषण जाधव को वकील उपलब्ध कराने की भारत की मांग को लगातार पाकिस्तान इनकार कर रहा है। अब नई दिल्ली ने जाधव की पैरवी के लिए क्वींस काउंसिल देने को कहा है ताकि जाधव की मौत की सजा को इस्लामाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी जा सके। अगर पाकिस्तान इस पर सहमत होता है तो अंतरराष्ट्रीय न्यायालय में जाधव मामले में इस्लामाबाद को धूल चटाने वाले भारतीय वकील हरीश साल्वे फिर से पैरवी करते दिख सकते हैं। बता दें कि पाकिस्तान जाधव को भारतीय वकील मुहैया कराने की नई दिल्ली की मांग से लगातार इनकार कर रहा है। भारत इसे पाकिस्तान की सोची-समझी चाल बता रहा है। पाकिस्तान ने कहा कि जाधव की पैरवी पाकिस्तानी वकील ही कर सकता है।
क्वींस काउंसिल वकील को पूरी दुनिया में कहीं भी वकालत करने की मान्यता मिलती है। देश के पूर्व सॉलिसिटर जनरल हरीश साल्वे को इस साल से शुरू में क्वींस काउंसिल नियुक्त किया गया है। खास बात ये है कि साल्वे ने ही आईसीजे में जाधव की पैरवी की थी। जिसके बाद अंतरराष्ट्रीय कोर्ट ने जाधव को काउंसलर ऐक्सेस देने का आदेश दिया था और उनकी फांसी की सजा को रिव्यू करने को कहा था। अगर पाकिस्तान भारत की मांग पर सहमत होता है तब फिर साल्वे जाधव की पैरवी इस्लामाबाद हाई कोर्ट में करते दिख सकते हैं। जाधव केस की अगली सुनवाई अब अक्टूबर में होनी है।
इस बीच, पाकिस्तानी संसद ने उस अध्यादेश की अवधि चार महीने बढ़ा दी है जिसमें जाधव को अपनी दोषसिद्धि के खिलाफ किसी हाईकोर्ट में एक अपील दायर करने की इजाजत देती है। खबर के अनुसार गत मई में जारी आईसीजे के अध्यादेश की अवधि 17 सितम्बर को समाप्त होने वाली थी लेकिन पाकिस्तान की संसद ने इस अवधि को चार महीने के लिए बढ़ा दिया है। भारतीय नौसेना के सेवानिवृत्त अधिकारी जाधव (50) को एक पाकिस्तानी सैन्य अदालत ने अप्रैल 2017 में मौत की सजा सुनाई थी। पाकिस्तान सरकार ने इस्लामाबाद उच्च न्यायालय से अदालत में जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नियुक्त करने का अनुरोध किया है। अदालत ने गत 3 सितंबर को मामले की सुनवाई दूसरी बार की और पाकिस्तान सरकार को निर्देश दिया कि वह भारत को जाधव का प्रतिनिधित्व करने के लिए एक वकील नियुक्त करने का एक और मौका दे।