नई दिल्ली । चीन
के साथ सीमा
विवाद के बीच
भारत ने हिमाचल
प्रदेश के दारचा
से लद्दाख को
जोड़ने वाले रणनीतिक
मार्ग पर काम
तेज कर दिया
है। आधिकारिक सूत्रों
ने यह जानकारी
दी है। सूत्रों
ने बताया कि
करीब 290 किलोमीटर लंबी यह
सड़क लद्दाख क्षेत्र
के सीमावर्ती अड्डों
पर सैनिकों तथा
भारी हथियारों की
आवाजाही के लिए
महत्वपूर्ण है और
करगिल तक पहुंच
उपलब्ध कराएगी।
यह मनाली-लेह मार्ग और श्रीनगर-लेह राजमार्ग के बाद लद्दाख के लिए तीसरा मार्ग होगा। एक अधिकारी ने नाम जाहिर नहीं होने की शर्त पर कहा कि हिमाचल प्रदेश से लद्दाख तक एक वैकल्पिक मार्ग को पुन: खोलने के काम को तेज कर दिया गया है क्योंकि यह रणनीतिक महत्व वाली सड़क है। उन्होंने कहा कि परियोजना 2022 के अंत तक पूरी होने की संभावना है।
सूत्रों ने कहा कि लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर दौलत बेग ओल्डी और डेपसांग जैसे अनेक अहम इलाकों तक सैनिकों की आवाजाही के लिए अनेक सड़क परियोजनाओं पर काम तेज किया जा रहा है। सीमा सड़क संगठन (बीआरओ) लद्दाख को डेपसांग से जोड़ने वाली एक अहम सड़क पर भी काम कर रहा है। यह सड़क लद्दाख में सब-सेक्टर नॉर्थ (एसएसएन) तक पहुंच प्रदान करेगी। पूर्वी लद्दाख में गतिरोध की एक वजह से पैंगोंग सो झील के पास फिंगर इलाके में भारत द्वारा एक प्रमुख सड़क निर्माण पर चीन का विरोध करना है। इसके अलावा डार्बुक-शायोक-दौलत बेग ओल्डी रोड को जोड़ने वाली एक और सड़क का निर्माण भी इन कारणों में शामिल है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने पिछले महीने एक उच्चस्तरीय बैठक में लद्दाख समेत सीमावर्ती क्षेत्रों में निर्माणाधीन अनेक बुनियादी संरचना परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की थी।