नई दिल्ली । पूर्वी
लद्दाख में सीमा
विवाद को लेकर
जारी तनातनी के
बीच शंघाई सहयोग
संगठन में भाग
लेने मॉस्को गए
भारत के विदेश
मंत्री एस. जयशंकर
और उनके चीनी
समकक्ष वांग यी
के बीच करीब
ढाई घंटे तक
द्विपक्षीय वार्ता हुई। ढाई
घंटे की इस
मुलाकात में विदेश
मंत्री एस जयशंकर
और चीनी समकक्ष
वांग यी के
बीच द्वीपक्षीय वार्ता
के दौरान वास्तविक
नियंत्रण रेखा एलएसी
पर तनाव खत्म
करने को लेकर
5 प्वाइंट पर सहमति
बनी है। साथ
ही इस बात
पर भी सहमति
बनी है कि
दोनों देश सीमा
विवाद को वार्ता
के जरिए सुलझाएंगे।
दोनों देशों के
बीच यह आम
सहमति बनी कि
एलएसी पर तनाव
कम करने के
लिए दोनों देशों
के बीच विभिन्न
स्तरों कूटनीतिक, सैन्य पर
बातचीत जारी रहेगी।
भारतीय विदेश मंत्रालय ने
कहा कि मॉस्को
में ढाई घंटे
तक मुलाकात के
दौरान विदेश मंत्री
एस जयशंकर और
चीनी विदेश मंत्री
वांग यी ने
सहमति व्यक्त की
कि भारत-चीन
संबंधों को विकसित
करने के लिए
दोनों पक्षों को
नेताओं की आम
सहमति की सीरीज
से मार्गदर्शन लेना
चाहिए। साथ ही
मतभेदों को विवाद
बनने देने की
इजाजत नहीं देनी
चाहिए। चीनी विदेश
मंत्रालय ने आगे
कहा, 'चीनी विदेश
मंत्री वांग यी
ने कहा कि
चीन और भारत
के संबंध एक
बार फिर दोराहे
पर खड़े हैं।
मगर जब तक
दोनों पक्ष अपने
संबंधों को सही
दिशा में बढ़ाते
रहेंगे, तब तक
कोई परेशानी नहीं
होगी और ऐसी
कोई भी चुनौती
नहीं होगी जिसको
हल नहीं किया
जा सकेगा। चीनी
विदेश मंत्रालय ने
कहा कि भारतीय
विदेश मंत्री ने
यह स्पष्ट किया
कि भारत एलएसी
पर जारी तनाव
को और नहीं
बढ़ाना चाहता है और
चीन के प्रति
भारत की नीति
में कोई बदलाव
नहीं हुआ है।
भारत का यह
भी मानना है
कि भारत के
प्रति चीन की
नीति में भी
कोई बदलाव नहीं
हुआ है। वहीं, सरकार के
सूत्रों के मुताबिक,
चीनी विदेश मंत्री
वांग यी से
मुलाकात के दौरान
विदेश मंत्री एस
जयशंकर ने स्पष्ट
रूप से कहा
कि इससे सीमावर्ती
क्षेत्रों के प्रबंधन
पर सभी समझौतों
का पूर्ण पालन
होने की उम्मीद
है और एकतरफा
रूप से यथास्थिति
को बदलने के
किसी भी प्रयास
को नहीं माना
जाएगा।