नई दिल्ली । कोरोना
संक्रमितों की जांच में भारत ने नया कीर्तिमान बनाया। भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद
आईसीएमआर ने बताया कि पहली बार एक दिन में 10.23 लाख लोगों का परीक्षण किया गया। अब
तक करीब 3.45 करोड़ लोगों की कोरोना जांच की जा चुकी है। इसके साथ ही भारत सबसे ज्यादा
टेस्ट करने वाला दुनिया का तीसरा देश बन गया है। अब सिर्फ चीन और अमेरिका ही भारत से
आगे हैं। अप्रैल की शुरुआत में रोजाना करीब चार से पांच हजार परीक्षण किए जा रहे थे
लेकिन आज करीब 250 गुना ज्यादा लोगों की जांच की जा रही है। कोरोना पर काबू पाने के
लिए स्वास्थ्य मंत्रालय ने मात्र 14 दिन में रिकॉर्ड एक करोड़ टेस्ट कर डाले। भारत
ने जबरदस्त क्षमता बढ़ाई। अप्रैल में सिर्फ 10-12 लैब में ही टेस्टिंग सुविधा थी, आज
1,511 प्रयोगशालाओं में परीक्षण किए जा रहे हैं। इनमें 983 सरकारी क्षेत्र में तथा
528 निजी हैं। रोज नई प्रयोगशालाएं जोड़ी जा रही हैं। सात नई प्रयोगशालाओं को अनुमति
दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने बताया कि 10,23,836 नमूनों की जांच की गई। इनमें से
करीब 37 फीसदी यानी 3.8 लाख नमूनों की जांच रैपिड एंटीजन तरीके से की गई। शुरुआत से
अब तक के आंकड़ों को देखें तो कुल 3.45 करोड़ लोगों में से सिर्फ 28 फीसदी मामलों में
जांच रैपिड एंटीजन पद्धति से की गई। अमेरिका-ब्रिटेन समेत कई देशों में आरोप लग रहे
कि सरकार टेस्टिंग कम कर संक्रमण छुपाने की कोशिश कर रही है लेकिन आंकड़े बता रहे कि
भारत ने संक्रमण बढ़ने के बावजूद कम परीक्षण कम नहीं किया। लगातार टेस्टिंग क्षमता
बढ़ाई गई। वर्ल्डोमीटर के मुताबिक, 15 अप्रैल तक भारत में प्रति एक लाख लोगों पर सिर्फ
15 लोगों की जांच की गई थी जबकि आज यह आंकड़ा करीब 250 है यानी चार महीने में करीब
16 गुना ज्यादा लोगों के परीक्षण किए गए। कोरोना मरीजों की जांच करने में यूपी ने देश
के सभी राज्यों को काफी पीछे छोड़ दिया है। राज्यों के स्वास्थ्य विभाग की ओर से मिले
आंकड़ों को देखें तो उत्तर प्रदेश में अब तक करीब 43 लाख लोगों की जांच की जा चुकी
है और रोजाना 1.10 लाख से ज्यादा लोगों का परीक्षण किया जा रहा है। बिहार में अब तक
22.28 लाख परीक्षण किए जा चुके हैं। वहीं, सर्वाधिक प्रभावित महाराष्ट्र में सिर्फ
35 लाख टेस्ट हुए हैं। आइए जानें रोजाना सबसे ज्यादा टेस्ट करने वाले राज्य कौन-कौन
से हैं।