अफगानिस्तान की तालिबान सरकार के मुख्य प्रवक्ता और प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व करने वाले जबीउल्लाह मुजाहिद ने एक्स पर लिखा कि बैठक के दौरान रूस, भारत और उज्बेकिस्तान जैसे देशों के प्रतिनिधियों से बात की। इस दौरान भारत से मिले समर्थन के लिए तालिबान ने धन्यवाद भी दिया। इसके पहले संयुक्त राष्ट्र ने अफगानिस्तान पर आयोजित पहली बैठक में तालिबान को आमंत्रित नहीं किया था। दूसरी बैठक के बारे में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस ने बताया था कि तालिबान ने इसमें हिस्सा लेने के लिए अस्वीकार्य शर्तें रखीं थीं, जिसमें यह मांग भी थी कि अफगान नागरिक समाज के सदस्यों को वार्ता से बाहर रखा जाए और तालिबान को देश के वैध शासक के रूप में माना जाए।