पाकिस्तान के पंजाब में बकरीद पर तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाने पर जेल हो सकती है। CM नवाज शरीफ ने ईद के मौके पर लोगों को हथियारों का प्रदर्शन न करने और कानून हाथ में न लेने की चेतावनी दी।
पाकिस्तानी वेबसाइट द न्यूज इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक CM नवाज ने रविवार को ईद-उल-अजहा के लिए बुलाई गई एक विशेष बैठक में पुलिस अधिकारियों को तेज आवाज में लाउड स्पीकर बजाने और कुर्बानी के दौरान प्रदूर्षण से निपटने के निर्देश दिए।
मरियम नवाज ने ईद के दिनों में नहरों और नालों में पशुओं की गंदगी फेंकने पर भी कड़ाई से निपटने का आदेश दिया। इसके अलावा ‘सिरी पाया(निहारी)’ भूनने के अवैध कारोबार पर रोक लगाने के लिए धारा 144 लागू करने का आदेश दिया।
इस मीटिंग के दौरान अधिकारियों ने CM मरियम नवाज को बताया कि उन्होंने ईद को लेकर पर्याप्त तैयारी की है। वे सोमवार को ईद की कुर्बानी के बाद नगर निगम के कर्मचारी लाहौर और अन्य शहरों में घर-घर जाकर जानवरों के अवशेष इकठ्ठा करेंगे। इसके बाद इन्हें बायोडिग्रेडेबल बैग में पैक कर दिया जाएगा।
अधिकारियों ने CM से कहा कि जानवरों की कुर्बानी के बाद लाहौर की सड़कों को अच्छे से धोया जाएगा और चूना लगाने के बाद कीटनाशकों का छिड़काव किया जाएगा।
तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर 10 सालों से प्रतिबंध
पाक वेबसाइट द नेशन के मुकाबिक पाकिस्तान के पंजाब में तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाने पर 2015 से प्रतिबंध लागू है। इसका उल्लंघन करने पर 25,000 पाकिस्तानी रुपये जुर्माना देना पड़ता है। इस कानून के लागू होने के बाद कई कट्टरपंथी मौलानाओं ने विरोध किया था और शुक्रवार को जुम्मे की नमाज के दिन तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया था।
इस विरोध का नेतृत्व जामिया मस्जिद कुदसी के मौलाना कारी तैयब काकाजई कर रहे थे। उन्होंने जुम्मे के नमाज के दिन तेज आवाज में लाउडस्पीकर बजाया था। इसके बाद पंजाब में 3200 मौलवियों को गिरफ्तार कर लिया गया था। इन सभी को 25,000 रुपए जुर्माना चुकाने के बाद ही रिहा किया गया। इस दौरान इनसे ये वचन भी लिया गया कि वे आगे से कभी भी कानून का उल्लंघन नहीं करेंगे।
आर्मी स्कूल में हुए हादसे पर लगा प्रतिबंध
साल 2014 में 16 दिसंबर को तहरीक-ए-तालिबान के सात आतंकियों ने पेशावर में आर्मी स्कूल पर हमला कर दिया था। इसमें 132 बच्चों सहित करीब 150 लोगों की हत्या कर दी थी।
इस आतंकी हमले ने पाकिस्तान सहित पूरी दुनिया को हिला कर रख दिया था। इस घटना से निपटने के लिए पाकिस्तान में कट्टरपंथी मौलानाओं, तेज आवज में लाउडस्पीकर बजाने, भड़काउ भाषण आदि पर प्रतिबंध लगा दिया गया था।