संस्कृति का मतलब है हमारे रीति रिवाज, मान्यताएं, धर्म आराधना और सामाजिकता मैं जीना। सभ्यता का मतलब है हमारे रहन सहन, बोलचाल, लेनदेन और व्यवहारीकता के तौर तरीके। हमारे देश में हमारे समाज में संस्कृति और सभ्यता दोनों हमारी जीवन रेखा के आधार है। हमारी संस्कृति और सभ्यता हमारी पहचान होती है प्रत्येक प्रांत और देश की सीमा रेखा के साथ संस्कृति और सभ्यता के तौर तरीके अलग अलग हो सकते हैं मगर सभी का मकसद निश्चल भाव से जीवन व्यतीत करना होता है एकदम साफ सुथरा सुरक्षित निर्मल जीवन। भौतिकवाद का दौर बढ़ने के साथ मीडिया के कई नए साधन आ गए, जहा से लोगो को गलत लिटरेचर पढ़ने समझने और देखने में आता गया। बमुश्किल हमें अच्छा लिटरेचर पढ़ने को मिल रहा, कभी कभार कुछ अच्छा देखने को मिल रहा। अधिकांशत: टीवी शो और फिल्मों ने हमारी संस्कृति व सभ्यता को बिगाडने में बहुत बड़ा योगदान दे दिया और दुर्भाग्यवश हम बड़े मजे से वे ही सीरियल और फिल्में देखने लगे, वे लोग तो करोड़ों का बिजनेस कर गए पर हम हमारी संस्कृति और सभ्यता से दुर होते गए। किसी वक्त गुरुकुल शिक्षा वह माध्यम था जहा संस्कृति और सभ्यता सबसे पहले मूलआधार पर सिखाई जाती थी। आजकल कई अंग्रेजी माध्यम स्कूल में बच्चीयो को मेहंदी लगाने पर स्कूल से छुट्टी दी जाती है। एक अच्छे समाज और सभ्यता को विकसित करने के लिये हमारा संस्कृति प्रदत होना जरूरी है।
अशोक मेहता, (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
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