अधिकांश भ्रष्ट और बेईमानो की इस दुनिया में इमानदारी दबकर रह गई। कई जगह बोलबाला भ्रष्ट, बेईमान और दबंगो का है। इन लोगों के आगे कई व्यक्ति द्वारा समझौता कर जैसे तैसे ले दे कर काम करवाने की मजबूरी है । कानून है लेकिन कानूनी प्रक्रिया बहुत लंबी दूसरा मुद्दा आता है कि हम शिकायत करें तो कहां करें बड़े अधिकारी से मिलना बड़ा कठिन है। यदि आपकी शिकायत सत्ता धारियों के खिलाफ है तब तो आप बहुत खतरे में हो, आपको कहीं भी उलझा देंगे, आप के खिलाफ केस बना देंगे। सब जानते हैं कि कौन कितना भ्रष्ट है बेईमान है। अकेले किसी की बोलने की ताकत बची नहीं। अधिकतर लोग तो उन्हीं लोगों के साथ हैं। पुलिस और कानून दो आप के रक्षक होते हैं पर यदि उन्हीं में ईमानदारी नहीं रहेगी तो आप क्या करें कोई विकल्प नहीं सिवाय समझौता करो और सहन करो। जब वास्तविक इमानदार की कद्र होने लगेगी, समाज में तभी परिवर्तन आ जाएगा बुरे लोगो को हिन दृष्टि से देखा जाने लगेगा। अपने पट्ठे के कहने पर सत्ताधारी ईमानदार अधिकारियों को टिकने नहीं देते। देखते मे आया है यदि ट्रैफिक जवान ने इमानदारी से ड्यूटी निभाकर नियम का उल्लंघन करने पर किसी पावरफुल शक्स का चालन बनाया, तो उस ट्रैफिक जवान का ट्रांसफर हो जाएगा। जहां कहीं भी ईमानदार व्यक्ति हैं उनका साथ दो उनको समर्थन दो, उनका सम्मान करो। इसी बात से समाज में बहुत अच्छा परिवर्तन आएगा। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार,पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
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