नई दिल्ली। कोविड-19 के सुरक्षित और कारगर बायोमेडिकल सोलूशंस को तत्काल विकसित करने के लिए बायोटेक्नॉलजी डिपार्टमेंट ने 70 प्रस्तावों को सरकार के पास फंडिंग के लिए आगे बढ़ाया है। ये प्रस्ताव आईआईटी, बेनेट यूनिवर्सिटी, जेएनयू जैसे अलग-अलग संस्थानों से मिले हैं। ये प्रस्ताव कोरोना वायरस की वैक्सीन विकसित करने से लेकर चिकित्सा उपकरणों, कोविड-19 की जांच और इसके इलाज संबंधी तरीकों से जुड़े हुए हैं। इन प्रस्तावों में 10 वैक्सीन से जुड़े हुए हैं तो 34 डायग्नोस्टिक्स प्रोडक्ट्स यानी जांच से जुड़े हैं। 10 प्रस्ताव ऐसे हैं जिनमें इलाज के तरीकों के बारे में सुझाया गया है। 2 प्रस्ताव पहले से मौजूद किसी अन्य बीमारी की दवाओं का कोविड-19 में इस्तेमाल को लेकर हैं। इसके अलावा 14 ऐसे प्रॉजेक्ट्स हैं जो कोरोना के रोकथाम और बचाव से जुड़े हुए हैं। बेनेट यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव डायग्नोस्टिक्स से जुड़ा हुआ है यानी इसमें कोरोना की जांच, उसके लक्षणों की पड़ताल वगैरह शामिल हैं। एक अधिकारी ने बताया, बेनेट यूनिवर्सिटी का प्रस्ताव डायग्नोस्टिक्स से जुड़ा हुआ है जो देश में टेस्टिंग की जरूरतों को पूरा कर सकता है। एक अधिकारी ने बताया कि साइंस एंड टेक्नोलॉजी मिनिस्ट्री ने कहा है कि डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी और बायोटेक्नोलॉजी इंडस्ट्री रिसर्च असिस्टेंस काउंसिल ने बेनेट यूनिवर्सिटी के प्रस्ताव समेत दूसरे प्रस्तावों को मंजूर किया है। अलग-अलग संस्थानों से डिपार्टमेंट को कई प्रस्ताव मिले थे जिनका मूल्यांकन किया गया और जो मुफीद लगे, उन्हें मंजूरी दी गई। अधिकारी ने कहा कि प्रस्तावों का डायग्नोस्टिक्स की दीर्घकालीन जरूरतों के मद्देनजर मूल्यांकन किया गया।
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नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) को जम्मू-कश्मीर के गांदरबल अटैक केस में अहम जानकारियां मिली हैं। NIA ने मंगलवार को बताया कि इस हमले के लिए आतंकवादियों को लोकल सपोर्ट मिला…