इंदौर. मध्य प्रदेश की आर्थिक राजधानी इंदौर से बड़ी खबर है. आईआईएम-इंदौर (The Indian Institute of Management-Indore) के छात्रों को अब रिसर्च के लिए तो प्रोत्साहन मिलेगा ही, साथ ही उन्हें ड्यूअल डिग्री भी मिल सकती है. दरअसल, आईआईएम-इंदौर ने चीन ऑ नॉर्वे की यूनिवर्सिटी के साथ एमओयू (Memorandums of Understanding) साइन किया है. इसका उद्देश्य जॉइंट रिसर्च प्रोग्राम चलाना और ड्यूअल डिग्री के अवसरों का तलाशना है. आईआईएम-इंदौर ने नॉर्वे की क्रिस्टैनिया (Kristania) यूनिवर्सिटी और चीन की यूचाऊ (soochow) यूनिवर्सिटी के साथ ये एमओयू साइन किए हैं.
आईआईएम-इंदौर के प्रोफेसर हिमांशु राय ने कहा कि चीन की यूचाऊ यूनिवर्सिटी चहुंमुखी विकास को लेकर नई और जिम्मेदार लीडर तैयार कर रही है. इससे हमें भी फायदा होगा. हमारे छात्र भी बिजनेस की बारिकियों को नजदीक से समझेंगे. इसी तरह नॉर्वे की क्रिस्टैनिया यूनिवर्सिटी भी विकास को लेकर नई-नई चीजें कर रही है. इस लेकर हम खासे उत्साहित हैं. भोपाल से प्रकाशित अंग्रेजी अखबार टाइम्स ऑफ इंडिया के मुताबिक, हिमांशु राय ने कहा कि क्रिस्टैनिया यूनिवर्सिटी के अनुभव से हमारे एजुकेशन सिस्टम को भी फायदा होगा.
स्टूडेंट्स को होगा जबरदस्त फायदा
राय ने कहा कि इस नई पहल से, सहयोग से छात्रों का विकास होगा. इस दौरान प्रदर्शनियों से, लेक्चर से, सिम्पोसिया से और जॉइंट प्रोग्राम से छात्रों का अकादमिक रूप से विकास होगा. उनके लिए ड्यूअल डिग्री के अवसर उपलब्ध होंगे. चीन की यूचाऊ यूनिवर्सिटी कई क्षेत्रों में शानदार प्रोगाम चलाती है. खासकर, एप्लाइड इकोनॉमिक्स और बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में. एमओयू साइन को लेकर डीन प्रोफेसर बो फेंग ने कहा कि इस नए कदम से जॉइंट प्रोजेक्ट चलाए जाएंगे, एक-दूसरे को नॉलेज शेयर की जाएगी. इससे छात्रों की एजुकेशनल जर्नी और अच्छी होगी.
इन क्षेत्रों में बेहतर काम कर रहा नॉर्वे
इसी तरह क्रिस्टैनिया यूनिवर्सिटी मार्केटिंग, मैनेजमेंट, क्रिएटिविटी और स्वास्थ्य जैसे क्षेत्रों में विशेष काम करती है. यूनिवर्सिटी के डॉ. क्रिस्टी बैशे का कहना है कि भारत की तकनीक और आविष्कार के साथ नॉर्वे का फोकस आईटी ज्ञान को बढ़ाना है. हम इस करार से अकादमिक कम्युनिटी को और मजबूत कर सकते हैं.