एक तरफ कोरोना की दूसरी तीव्र लहर के चलते पाबंदियां बढ़ने के संकेत मिल रहे हैं और बड़े शहरों में 12 घंटे का लॉकडाउन यानी बंद के विकल्प पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है। इससे कारोबार प्रभावित होने से लोगों को आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ेगा। वहीं दूसरी ओर कमरतोड़ महंगाई में एक और तड़का लगने वाला है जिससे कि कमरतोड़ महंगाई की मार झेल रहे उपभोक्ताओं को नए वित्तीय वर्ष का पहला दिन महंगाई के मोर्चे पर एक और तगड़ा झटका देने जा रहा है जिससे बहुत-सी चीजें और महंगी हो जाएंगी। प्रदेश की औद्योगिक राजधानी इंदौर में नगर निगम करों की दरों में 1अप्रैल से इजाफा करने जा रहा है जिसके कारण यहां के लोगों पर हर महीने 940 रुपए यानी साल भर में 11280 रुपया विभिन्न सेवाओं के बदले चुकाना पड़ेगा। भोपाल से देवास के बीच टोल टैक्स में भी वृद्धि होने जा रही है जिससे 1 अप्रैल से भोपाल से इंदौर के बीच कार से सफर करने वाले यात्रियों को भोपाल से देवास तक टोल नाकों पर 8 रुपया ज्यादा देना पड़ेगा। इस प्रकार कुल मिलाकर नए वित्तीय वर्ष का पहला दिन अपने साथ काफी कुछ बदलाव लाने वाला है जिससे आम उपयोग की बहुत सी चीजें काफी महंगी हो जाएंगी और लोगों की मुसीबतों में इजाफा ही होने वाला है। इस प्रकार आम आदमी जाए तो जाए कहां एक तरफ कोरोना का खटका है तो दूसरी ओर महंगाई का झटका है।
नए वित्तीय वर्ष का पहला दिन अपने साथ महंगाई की चौतरफा मार लेकर आया है। आम आदमी को महंगाई का तगड़ा झटका इससे लगना चालू हो गया है, क्योंकि रोजमर्रा के इस्तेमाल में आने वाली चीजें महंगी होने जा रही है। मारुति सुजुकी सहित तमाम ऑटो कंपनियों ने 1 अप्रैल 2021 से कार और बाइक की कीमतों में बढ़ोतरी का ऐलान कर दिया है। मारुति सुजुकी के साथ रेनॉ की कारें भी महंगी हो जाएंगी। वहीं टू-व्हीलर के दाम भी बढ़ रहे हैं। किसानों को भी झटका लगने वाला है क्योंकि ट्रैक्टर की कीमतों में भी इजाफा हो रहा है। टेलीविजन के दामों में भी 2000 रुपए से लेकर 3000 रुपए तक की वृद्धि होने की संभावना है। मोबाइल, मोबाइल पार्ट्स, मोबाइल, चार्जर,एडाप्टर, बैटरी और हेडफोन भी महंगे हो गए हैं। एयर कंडीशनर और रेफ्रिजरेटर के दाम भी बढ़ोतरी हो गई है तथा एयर कंडीशनर 1500 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक महंगे हो जाएंगे। नागर विमानन महानिदेशालय ने भी 1 अप्रैल से एयर सिक्योरिटी फीस में बढ़ोतरी का ऐलान किया है जिससे हवाई सफर भी महंगा हो जाएगा इसका असर उन लोगों पर पड़ेगा जिन्हें महंगाई बढ़ने से कोई विशेष फर्क नहीं पड़ता लेकिन बाकी जो चीज है महंगी हो रही है उसका बोझ आम आदमी पर पड़ेगा क्योंकि जीवन शैली में जो बदलाव आया है उसमें हर व्यक्ति की यह चाहत है कि उसके पास कम से कम कुछ मूलभूत सुविधाएं रहे
और इसके लिए वह जिन वस्तुओं का उपयोग करता है वह महंगी हो गई हैं। भोपाल से देवास के बीच टोल टैक्स में जो वृद्धि हुई है उसके अनुसार कार चालक को पहले और दूसरे टोल पर 2-2 रुपए और तीसरे टोल नाके पर 4 रुपए अधिक देना होगा। भोपाल से देवास के बीच आवागमन पर 16 रुपए अधिक चुकाने होंगे। अभी तक 120 रुपए देना पड़ता था तो अब तकरीबन 128 देना पड़ेगा। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मिलने वाली सब्सिडी भी खत्म हो गई है अभी एमआईजी वन के मकानों पर ऋण पर लगने वाले ब्याज में 4 प्रतिशत और एमआईजी दो में 3 प्रतिशत की छूट मिलती थी।
इंदौर के नागरिकों पर बढ़ता करों का बोझ
इंदौर को देश का सबसे स्वच्छ शहर बनाने के लिए हर साल होने वाले भारी भरकम खर्च की भरपाई अब शहर की आम जनता को करनी पड़ेगी क्योंकि इंदौर नगर निगम ने 1 अप्रैल से डोर टू डोर कचरा कलेक्शन से लेकर पीने के पानी और सीवरेज लाइनों के संधारण और उपयोग के लिहाज से शहर वासियों पर भारी भरकम टैक्स थोप दिया है इस कारण अब डोर टू डोर कचरा गाड़ी को कचरा देने पर प्रतिदिन के हिसाब से 30 रुपये और हर महीने के हिसाब से 300 रुपये देने पड़ेंगे, इसी तरह पानी के लिए भी आम जनता को हर महीने न्यूनतम 400 रुपये चुकाने पड़ेंगे। इंदौर मध्य प्रदेश का पहला शहर हो गया है, जहां स्वच्छता और पानी की दरें सर्वाधिक होंगी। नगर निगम ने पहली बार सीवरेज शुल्क लगाने का भी फैसला किया है लिहाजा आवासीय श्रेणी में सीवरेज लाइन जोड़ने पर 240 रुपये हर महीने देने होंगे वहीं व्यवसाय और औद्योगिक श्रेणी में 900 रुपये से लेकर 1308 रुपये प्रति माह की दरें तय की गई हैं। इंदौर में स्वच्छता समेत जलकर एवं अन्य करों की वृद्धि के लिए निगम ने मध्यप्रदेश शासन नगरीय विकास एवं आवास विभाग को इंदौर में विभिन्न कार्यों के लिए किए गए खर्च की स्वीकृति के साथ पहली बार सीधे 5 गुना टैक्स बढ़ाने को लेकर जो वजह बताई थी उसमें दर्शाया गया है कि इंदौर में ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में 204.83 करोड रुपए जल प्रदाय सेवा में 302.46 करोड रुपए और सीवरेज के अंतर्गत 27 करोड़ से ज्यादा की राशि व्यय की गई है खर्च की गई इस राशि की तुलना में जो राशि कलेक्शन के बाद प्राप्त हुई है वह बहुत कम है इसलिए निगम प्रशासन ने सीधे 5 गुना टैक्स बढ़ाने का प्रस्ताव भेजा था जिस पर राज्य शासन ने 5 गुना टैक्स के स्थान पर दुगना कर लगाने के प्रस्ताव को स्वीकृति दी है। अब स्थिति यह हो गई है कि यह भी प्रदेश में किसी शहर में लगने वाला सर्वाधिक टैक्स होगा और आम जनता को अब यह कर 1 अप्रैल से चुकाने पड़ेंगे।
और अंत में...........
नगर निगम द्वारा की गई इस कर वृद्धि के विरोध में जहां एक ओर कांग्रेस आक्रोशित है तो दूसरी ओर भाजपा नेताओं ने भी इसका विरोध किया है। भाजपा सांसद शंकर लालवानी, पूर्व महापौर तथा भाजपा विधायक मालिनी गौड़ तथा प्रदेश खनिज निगम के पूर्व उपाध्यक्ष गोविंद मालू ने विरोध किया है । कांग्रेस विधायक और महापौर पद के घोषित उम्मीदवार संजय शुक्ला ने इसके विरोध में जन आंदोलन खड़ा करने की बात कही है। मालिनी गौड़ ने कहा है कि वह मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से चर्चा करेंगी। उन्होंने कहा कि मेरे कार्यकाल में करों में कोई वृद्धि नहीं की गई तथा राजस्व बढ़ाने का कार्य किया है लेकिन अब अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा करते हुए बिना किसी से चर्चा किए जो बढ़ोतरी की है यह न्यायसंगत नहीं है और ऐसे में बढ़ोतरी ठीक नहीं है। गोविंद मालू ने नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह से चर्चा करते हुए उन्हें जनाक्रोश से अवगत कराया। मालू ने कहा कि कोई भी निर्णय लागू करने के पहले जनप्रतिनिधियों को विश्वास में लिया जाना चाहिए। पूर्व विधायक तथा भाजपा नेता गोपीकृष्ण नेमा ने कल से लागू होने वाले नगर निगम के टैक्स का विरोध करते हुए कहा है कि परिषद के अभाव में प्रशासक एवं आयुक्त ने अविवेक पूर्ण ढंग से जनप्रतिनिधियों की अवहेलना करते हुए मनमाने ढंग से जो निर्णय लिया है वह जनहित एवं शहर हित दोनों में ही नहीं है इस कारण इसे स्थगित कर आने वाली नवीन निर्वाचित परिषद के जनप्रतिनिधियों के निर्णय पर छोड़ना चाहिए।जन नेताओं ने जो एतराज जताया है वह आम जनमानस की भावना की अभिव्यक्ति है I
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