व्यक्ति कई बार बड़े ही नेगेटिव सोच में रहता है वह यह धारणा बना लेता है कि उसके साथ से बुरा ही बुरा होगा कभी अच्छा नहीं हो सकता। व्यक्ति चाहे बीमार हो, दुखी हो, आर्थिक परेशानी से त्रस्त हो, अपने जीवन में असफल हो ऐसे समय यदि वह अपनी सोच बदलेगा तो उसके हालात भी निश्चित बदल जाएंगे। कई व्यक्तियों को देखा अरे मेरे को पैर की तकलीफ है पिछले 2 साल से मैं लगातार मैंने सब इलाज करा लिया पर मैं ठीक ही नहीं हो रहा हूं मैं अब ठीक से चल भी नहीं पाता हूं। बहुत रुपए कई जांचो में खर्च कर दिया, कुछ फर्क नहीं पड़ा। उनसे अधिक पूछो कि आपने भैया योगा या एक्सरसाइज की, हां कई दिन कि, मैंने तो फिजियोथैरेपी वाले को रख रखा था, दो तीन अलग-अलग डॉक्टर को दिखा दिया, मसाज वाले को दिखा दिया पर कुछ फर्क नहीं पडा। ऐसे मे जो व्यक्ति अपनी डरी सोच मैं रहेगा तो उसका ठीक होना कैसे संभव है। यह ऐसा किस्सा है यदि घर मे चोर घुसा है तो या तो उसको देखकर डर जाओ उसको भगाने का सोचोगे। ऐसे कई किस्से है जो व्यक्ति अपने आप में इतना मायुस हो जाता है कि उसे लगता है कि उसके हालात कभी भी ठीक नहीं होंगे,उस समय ठंडे दिमाग की जरूरत है, अपने विचार पॉजिटिव सौच का रखे। यह बात समझ ले " हर अंधेरी रात के बाद उजाला निश्चित है "। जब हम अच्छा सोचेगे तो मस्तिष्क मैं हर समस्या का हल भी दिखने लगेगा, जिससे आप मजबूत बनकर पुनः स्थापित हो सकेगे। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
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