ये बड़ी अजीब व्यवस्था है चीफ सेक्रेटरी, सेक्रेटरी, ज्वाइंट डायरेक्टर, कमिश्नर, कलेक्टर, डिप्टी कलेक्टर, तहसीलदार, पर्सनल सेक्रेटरी, रजिस्ट्रार, आईजी, डीआईजी, एस पी, सी एस पी, टी आई, मुंसिपल कमिश्नर, नगर शिल्पज्ञ, डेवलपमेंट ऑफिसर, हाईवे इंजीनियर, पी डब्ल्यू डी, पी एच ई और जितने भी शासकीय विभाग है उनके सभी अधिकारी कर्मचारी के लिए योग्य शिक्षा अनिवार्य है क्योकी इनके जिम्में शासकीय कार्य के क्रियान्वन की जिम्मेदारी है। शासन के तंत्र में राज्य के लिए मुख्यमंत्री एवं अलग-अलग विभागों के मंत्री बनाए जाते हैं और देश के लिए प्रधानमंत्री और केंद्रीय मंत्री बनाए जाते है। ये शख्स लोकतंत्र व्यवस्था में चुनाव जीतकर आते हैं। सभी अधिकारी एवं कर्मचारी इनके अधीनस्थ कार्य करते हैं। सोचने लायक बात यह है कि सत्ताधारी नेता या मंत्री उनमें से कई अनपढ़ है, चुकि वे चुनाव जीते हैं इसलीये सभी पढ़े लिखे अफसरों से ऊपर हो गए, नीति निर्धारण और योजना बनाना और उसकी मंजूरी देना इन्ही के हाथ में होता है। यही तकलीफ दायक बात है कि इन लोगों के लिए कोई शिक्षा का मापदंड नहीं है नतीजन कई बार उनकी नासमझ सोच और गलत फैसले जनता के लिये कष्टदायक हो जाते हैं। माना वे चुनाव जीते है पर मंत्री बनाने से पहले उनको जिस विभाग का प्रभार दिया जाएगा उस विभाग के पूर्व के मंत्रियों के अधीन तीन माह की ट्रेनिंग इंटरशिप बहुत जरूरी हो। अशोक मेहता, (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…