अनाथ बच्चों पर हर किसी को रहम आ जाती है, लेकिन जो संस्था सरकारी पैसों से अनाथाश्रम चला रही है, उसकी महिला कर्मचारी इसी नौकरी का खा रही है, लेकिन जिस तरह वह दो-चार बरस की मासूम बच्चियों को उठा-उठाकर पटक रही है, वह वीडियो देखना भी मुश्किल है। इस अखबार ने उसे समाचार के साथ पोस्ट किया, तो यूट्यूब ने तुरंत ही उसे हटा दिया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी जिले कांकेर में जाहिर है कि दत्तक ग्रहण एजेंसी के ऐसे केन्द्र की इस हिंसा के सुबूत दिसंबर 2022 से मौजूद हैं, लेकिन कांकेर से लेकर राजधानी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अब जब सुबूत साबित हो गए हैं, तो कलेक्टर ने एफआईआर के निर्देश दिए हैं। आदिवासी बच्चों के साथ ऐसी सवर्ण हिंसा पर देखें कि आगे क्या इंसाफ होता है। इस अखबार ‘छत्तीसगढ़’ के संपादक सुनील कुमार को सुनें न्यूजरूम से।