शहरी विकास पर सवार कांग्रेस पर कितना भरोसा करेगा मतदाता
Updated on
16-12-2020 04:58 PM
2023 के विधानसभा चुनाव के पूर्व संभवत सत्तारूढ़ दल भाजपा और कांग्रेसी के बीच अंतिम शक्ति परीक्षण नगरीय निकाय चुनाव में होने जा रहा है, यही कारण है कि कांग्रेस फिर से पूरी मजबूती के साथ शहरों में अपनी वापसी की जुगत में भिड़ गई है। इन चुनावों के राजनीतिक महत्व को देखते हुए चुनाव संचालन और व्यवस्था तक के समस्त सूत्र प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने संभाल लिये हैं। उनका पूरा ध्यान इन चुनावों में कुछ बेहतर प्रदर्शन करने का है और प्रदेश के सभी बड़े शहरों की कमान इस मामले में उनके ही हाथों में है। इस बात का अंदाजा इससे लगता है कि बड़े निकायों का प्रभार अधिकतर खाटी कमलनाथ समर्थकों को दिया गया है। 16 नगर निगमों पर कांग्रेस की नजर है और वह यहां पर अपनी शहर सरकार बनाने के लिए एड़ी चोटी का जोर लगा रही है। खोने के लिए उसके पास कुछ नहीं है क्योंकि एक भी नगर निगम में उसका महापौर नहीं था तथा भाजपा ने पिछले चुनाव में एकतरफा जीत दर्ज की थी। इन चुनावों में जहां कुछ पाने के इरादे से चुनावी समर में वह उतर रही है तो वहीं दूसरी ओर भाजपा के लिए चुनाव अधिक प्रतिष्ठा के हैं क्योंकि उसे सभी बड़े शहरों में अपना महापौर उम्मीदवार जिताना है ताकि वह यह दम भर सके कि बड़े शहरों में उसकी पकड़ पूरी तरह मजबूत है और कांग्रेस उसमें सेंध नहीं लगा पाई। कांग्रेस यदि इनमें से कुछ जीत लेती है तो फिर उसे कार्यकर्ताओं में खोया आत्मविश्वास एक सीमा तक वापस लौट आने में कमलनाथ सफल हो सकते हैं। शहरी विकास और लोगों की समस्याओं के प्रति प्रतिबद्धता के सहारे कांग्रेस अपना खोया हुआ जन विश्वास फिर से पाने की जुगत में भिड़ गई है। देखने वाली बात यह होगी कि शहरी विकास पर सवार कांग्रेस पर कितना भरोसा करेगा मतदाता ! कांग्रेस इन चुनावों को कितनी गंभीरता से ले रही है उसका आभास इसी से मिलता है कि प्रदेश प्रभारी महासचिव मुकुल वासनिक स्वयं इस पर नजर रखेंगे I प्रदेश कांग्रेस के उपाध्यक्ष और संगठन प्रभारी चन्द्र प्रभाष शेखर ने चुनावों में कांग्रेस की तैयारियों का खुलासा करते हुए कहा है कि आगामी नगरीय निकाय चुनावों में कांग्रेस पार्टी क्षेत्र के नागरिकों की आकांक्षा के अनुरूप शहरी विकास के संकल्प के साथ चुनावी मैदान में उतरेगी । कांग्रेस पार्टी शहर के नागरिकों को प्राथमिकता के साथ शुद्ध पेयजल, गुणवत्तायुक्त पक्की सड़कें, बेहतर जल निकासी सिस्टम, सुचारू यातायात प्रबंधन, बाग़-बगीचे और बेहतर पर्यावरण का ध्यान रखते हुए शहरी सौंदर्यीकरण के लिए वचनबद्ध है। इसका मतलब साफ है कि कांग्रेस वचनबद्धता के सहारे मतदाताओं का दिल जीतने की कोशिश करेगी। कांग्रेस पार्टी नगरीय क्षेत्रों में स्थानीय नागरिकों की साझेदारी से समस्याओं के निवारण की व्यवस्था करने की दिशा में भी कार्य करेगी। कांग्रेस पार्टी अतिवृष्टि से होने वाले नुकसान से निपटने के लिए बेहतर व्यवस्था करने और नगरीय क्षेत्रों में गटर, नालियों एवं जल निकासी की बेहतर सुविधा देने के लिए भी संकल्पित हैं। शेखर यह भी बताते हैं कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर प्रदान करने की दिशा में पहल करते हुए हम नए बाज़ारों का सृजन, दुकानों का निर्माण, लाटरी सिस्टम से युवाओं को दुकान का आवंटन एवं रोजगार के नए-नए अवसर देने के लिए भी वचनबद्ध हैं। कांग्रेस पार्टी की नगर सरकार गरीब बस्तियों एवं झुग्गी झोपडी में निवासरत लोगों को ध्यान में रखकर भी कई योजनायें लाने एवं सभी वर्ग के लोगों को विकास की मुख्यधारा में जोडकर सभी आवश्यक सुविधाएँ देने के लिए कार्य करेगी। नगरीय निकाय चुनावों में केंद्रीय नेतृत्व की भी सीधी नजर रहेगी यह इस बात से पता चलता है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव व मध्यप्रदेश के प्रभारी मुकुल वासनिक कल 16 दिसंबर से 19 दिसम्बर तक मध्यप्रदेश के दौरे पर रहेंगे।वासनिक भोपाल, सागर, जबलपुर और रीवा जिले के प्रवास पर रहेंगे, वे इस दौरान जिलों में कांग्रेस कार्यकर्ताओं की बैठक लेंगे और चुनावी रणनीति पर विचार विमर्श करेंगे। कमलनाथ के अधिकांश नजदीकी नेताओं को प्रभारी बनाया गया है। यह इससे पता चलता है कि राजधानी भोपाल नगर निगम का प्रभारी कमलनाथ समर्थक पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया को बनाया गया है। इंदौर की प्रभारी विजय लक्ष्मी साधौ और जबलपुर की प्रभारी विधायक और पूर्व विधानसभा उपाध्यक्ष हिना कांवरे को बनाया गया है। ग्वालियर के प्रभारी पूर्व मंत्री तथा विधायक बृजेंद्र सिंह राठौर होंगे जो कि कमलनाथ और दिग्विजय सिंह दोनों के ही करीबी हैं। रीवा के प्रभारी पूर्व मंत्री हर्ष यादव और सतना के प्रभारी पूर्व मंत्री तरुण भानोट होंगे। दोनों ही कमलनाथ के भरोसे के माने जाते हैं। मुरैना में प्रियव्रत सिंह, सागर में पीसी शर्मा, कटनी में कमलेश्वर पटेल, छिंदवाड़ा में सुखदेव पांसे, देवास में उमंग सिंघार और बुरहानपुर में सुरेंद्र बघेल प्रभारी बनाए गए हैं। प्रभारियों के साथ एक-एक सह- प्रभारी बनाया गया है ।
और अंत में...........
कांग्रेस उपाध्यक्ष चन्द्र प्रभाष शेखर का दावा है कि नगरीय निकाय चुनाव में कांग्रेस काफी अच्छा प्रदर्शन करेगी क्योंकि पार्टी एक बार फिर प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ के नेतृत्व में नगरीय निकाय चुनाव में मजबूती के साथ वापसी की तैयारी में जुट गई है। कांग्रेस के सभी नेता सरकार जाने और फिर उपचुनाव में उम्मीदों के अनुरूप परिणाम नहीं आने के बावजूद पूरी लगन, निष्ठा और एकजुटता के साथ फिर से 2018 की ही तरह बीजेपी को पटखनी देने की रणनीति में जुट गए हैं। उपचुनावों में पार्टी को भाजपा की आधी सीटें मिलने पर भी शेखर ने तर्क दिया कि कांग्रेस पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता यह बात अच्छे से जानता है कि उपचुनाव में बेशक हम सत्ता में वापसी नहीं कर पाये हैं, लेकिन सिंधिया के गढ़ में 7 और मध्यप्रदेश में 9 सीट जीतकर हमने श्रेष्ठ प्रदर्शन किया है। इसका मतलब साफ है कि पार्टी ज्योतिरादित्य सिंधिया के गढ में सात सीट जीतने को बड़ी उपलब्धि मानते हुए उससे ही खुश है भले ही उसकी सत्ता में वापसी का सपना साकार ना हो पाया हो ।
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