भारतवंशी अरबपति हिंदुजा फैमिली पर घरेलू स्टाफ से क्रूरता से पेश आने के आरोप लगे हैं। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इन्होंने स्विट्जरलैंड में अपने विला पर घरेलू स्टाफ्स से बेहद कम कीमत पर 15 से 18 घंटे तक काम कराया। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक स्विटजरलैंड में सोमवार से इन पर मानव तस्करी का ट्रायल शुरू हो गया है।
सरकार के वकील ने दोषियों को कम से कम 1 साल की सजा की मांग की है। ब्लूमबर्ग ने एक अन्य सरकारी वकील ने कोर्ट में आरोप लगाया है कि हिंदुजा अपने स्टाफ से अधिक अपने कुत्तों पर खर्च कर देते थे। रिपोर्ट में ये दावा किया गया है कि इस दौरान उन्होंने स्टाफ के पासपोर्ट तक जब्त कर लिए थे।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि हिंदुजा फैमिली जेनेवा के 'लेक विला' में अपने स्टाफ को करीब 18 हजार रुपये महीने देती थी ये पैसे उन्हें भारतीय रुपये में दिए जाते थे। इस पैसे का वे वहां पर इस्तेमाल भी नहीं कर पाते थे।
स्टाफ को नौकरी छोड़ने की इजाजत नहीं थी
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी वकील ने कोर्ट में ये दावा किया कि हिंदुजा फैमिले के विला में कर्मचारियों के लिए न तो काम के घंटे तय हैं और न ही उनकी साप्ताहिक छुट्टी का कोई तय समय है। इन स्टाफ को नौकरी छोड़ने की भी इजाजत नहीं है। उन्हें बिना परमिशन के घर से बाहर नहीं निकलने दिया जाता है।
सरकारी वकील ने जेल भेजने की मांग की
रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी वकील ने कोर्ट से ये मांग की है कि अजय हिंदुजा और उनकी पत्नी नम्रता को जेल भेजा जाए। हिंदुजा फैमिले के जिन सदस्यों पर आरोप लगाया गया है उनमें प्रकाश हिंदुजा, कमल हिंदुजा, अजय हिंदुजा और उनकी पत्नी नम्रता हिंदुजा शामिल हैं।
हिंदुजा फैमिली ने इन आरोपों से इनकार किया है। उन्होंने कहा है कि वे न तो इन स्टाफ की हायरिंग में शामिल थे। इतना ही नहीं वे इन स्टाफ को हैंडल भी नहीं करते थे। इसलिए उन पर शोषण के ये आरोप गलत हैं।
हिंदुजा फैमिली ने आरोपों का किया खंडन
इसके साथ ही हिंदुजा फैमिली ने ये दावा किया है कि सरकाली वकीलों ने मामले की पूरी सच्चाई नहीं बताई है। उन्होंने दावा किया कि स्टाफ के लिए भोजन की पर्याप्त व्यवस्था की गई थी और उन्हें रहने के लिए घर भी दिया गया था। हिंदुजी फैमिली ने कहा कि स्टाफ के 18 घंटे काम कराने का आरोप बढ़ाचढ़ा कर कहा गया है।
हिंदुजा फैमिली के वकील ने कोर्ट में दावा किया कि उनके कई घरेलू स्टाफ भारत जाने के बाद फिर से स्विटजरलैंड में काम करने के लिए लौटे हैं। अगर उन्हें यहां दिक्कत हुई होती तो वे फिर से यहां काम करने क्यों आते।
बचाव पक्ष ने दावा किया कि सरकारी वकील के दावे भ्रामक हैं। उन्होंने कहा कि स्टाफ के साथ स्थानीय नियमों के मुताबिक व्यवहार किया जाता है। बचाव पक्ष के वकील ने ये भी दावा किया कि एक भी ऐसा स्टाफ ये दावा नहीं कर सकता कि उन्हें अजय हिंदुजा ने काम पर रखा था।
ब्रिटेन में सबसे अमीर हैं हिंदुजा
हिंदुजा फैमिली ब्रिटेन से अपना कारोबार चलाती है। ये फैमिली दुनिया के सबसे रईस लोगों की लिस्ट में शामिल है। फोर्ब्स के अनुसार, 2023 में हिंदुजा परिवार की कुल संपत्ति 20 बिलियन डॉलर थी। हिंदुजा ब्रिटेन में सबसे धनी फैमिली है।
हिंदुजा फैमिली के गोपी हिंदुजा ब्रिटेन के सबसे रईस शख्स हैं। वे दुनिया के टॉप 200 अमीर लोगों की सूची में शामिल हैं। हिंदुजा ग्रुप का कारोबार टेलीकॉम, ऑइल एंड गैस, पावर एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर, रिएलिटी, ऑटो, हेल्थकेयर आदि सेक्टर्स में है।
110 साल पहले हिंदुजा ग्रुप की रखी गई नींव
हिंदुजा ग्रुप की नींव परमानंद दीपचंद हिंदुजा ने 1914 में मुंबई में रखी थी। उनके चार बेटे हुए। इन्हीं चारों बेटों का परिवार हिंदुजा ग्रुप को मैनेज करता है। पारिवारिक बिजनेस को फिलहाल चार हिंदुजा भाइयों द्वारा मैनेज किया जाता है – श्रीचंद, गोपीचंद, प्रकाश, और अशोक। पिछले साल 17 मई को श्रीचंद हिंदुजा का निधन हो गया था।
हिंदुजा ग्रुप का ऑफिस 1919 में ईरान में शिफ्ट हो गया था। इसके बाद 1979 तक हिंदुजा ग्रुप का कारोबार वही से होता रहा। साल 1979 में ईरान के इस्लामिक क्रांति के बाद वहां की हालात बदल गए जिसके बाद हिंदुजा ग्रुप को लंदन ले शिफ्ट होना पड़ा। हिंदुजा ग्रुप का कारोबार करीब 50 देशों में फैला है और इसमें डेढ़ लाख से भी अधिक कर्मचारी काम करते हैं। भारत में इस ग्रुप की छह लिस्टेड कंपनियां हैं।
बोफोर्स घोटाले से भी जुड़ा था नाम
श्रीचंद, गोपीचंद और प्रकाश हिंदुजा का नाम बोफोर्स घोटाले में भी सामने आया था। इस घोटाले में स्वीडिश कंपनी बोफोर्स पर यह आरोप लगाया गया कि उसने 1986 में भारत सरकार को 1.3 अरब डॉलर की रिश्वत दी थी। इसमें तीनों भाइयों ने मदद की थी। तीनों भाइयों पर CBI ने अक्टूबर 2000 में ये आरोप लगाए थे, मगर साल 2005 में दिल्ली की कोर्ट ने सबूत के अभाव में उन पर लगे सभी आरोपों को खारिज कर दिया।
हिंदुजा परिवार का अनोखा नियम
चार साल पहले हिंदुजा फैमिली में अनबन की खबरें भी सामने आई थीं। दरअसल इसकी वजह इस परिवार में 2014 में हुआ एक समझौता था। समझौते के मुताबिक 'हिंदुजा ग्रुप की प्रॉपर्टी पर सबका हक है, और कुछ भी किसी का नहीं है।'
मतलब हिंदुजा परिवार के एक भाई के पास जो दौलत है उसपर बाकी भाईयों का भी अधिकार होगा। प्रत्येक व्यक्ति दूसरों को अपने एक्जीक्यूटर के रूप में नियुक्त करेगा। इस समझौते पर चारों भाईयों ने दस्तखत किए थे। लेकिन बाद में हिंदुजा फैमिली के सबसे बड़े सदस्य श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों ने इस समझौते से बाहर निकलना चाहा था। इसके लिए उन्होंने कोर्ट में अर्जी भी दी थी।
श्रीचंद हिंदुजा की बेटियों ने आरोप लगाया था कि उनके चाचाओं ने उन्हें परिवार से अलग-थलग कर दिया है। उन्हें आर्थिक रूप से बेहद कमजोर कर दिया है। वही, श्रीचंद हिंदुजा के अन्य भाईयों ने इन दो बहनों पर सारी संपत्ति हथियाने का आरोप लगाया था।