नई दिल्ली । कोरोना महामारी की रोकथाम के लिए जारी प्रयासों के बीच स्वास्थ्य मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि वह इस इस आकलन से असहमत है कि भारत में सभी नागरिकों को कोरोना वैक्सीन लगाने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये की आवश्यकता पड़ेगी। केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया के सीईओ अदार पूनावाला के ट्वीट के बारे में पूछे जाने पर जवाब दे रहे थे। पूनावाला ने सरकार से पूछा था कि क्या भारत में सभी लोगों को कोरोना वैक्सीन की खुराक देने के लिए अगले एक साल में उसके पास 80 हजार करोड़ रुपये होंगे। भूषण ने कहा कि वह 80 हजार करोड़ रुपये के आकलन से सहमत नहीं हैं।
सरकार ने वैक्सीन के जानकारों की समिति बनाई है। समिति ने अब तक पांच बैठकें भी कर ली है। उन्होंने कहा कि इन बैठकों में कोरोना वैक्सीन के वितरण और प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण पर आने वाले खर्च को लेकर चर्चा की गई है। भूषण ने कहा कि समिति की बैठकों में जितनी रकम की आवश्यकता का आकलन किया गया है, उतनी रकम सरकार के पास है। प्राथमिकता के आधार पर चरणबद्ध तरीके से टीकाकरण किया जाएगा।
भारत में वैक्सीन बनाने में जुटी सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) अदार पूनावाला ने शनिवार को सरकार से पूछा था कि क्या उसके पास लोगों के लिए वैक्सीन खरीदने और वितरित करने के लिए 80 हजार करोड़ रुपये होंगे।
पूनावाला ने ट्वीट किया, 'क्या भारत सरकार के पास अगले एक साल में 80,000 करोड़ रुपये होंगे? क्योंकि भारत में हर किसी के लिए वैक्सीन खरीदने और वितरित करने के लिए स्वास्थ्य व परिवार कल्याण मंत्रालय को इतनी रकम की जरूरत होगी। यह अगली चुनौती है, जिससे हमें निपटना होगा।' इस ट्वीट के साथ पूनावाला ने प्रधानमंत्री कार्यालय को भी टैग किया। सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) अगले साल के मध्य तक भारत और निम्न व मध्यम आय वाले देशों (एलएमआईसी) के लिए कोरोना वैक्सीन की अतिरिक्त 10 करोड़ खुराक तैयार करेगी। कंपनी ने कहा कि अतिरिक्त 10 करोड़ खुराक तैयार करने के लिए उसके और अंतरराष्ट्रीय वैक्सीन गठबंधन (गावी) व बिल एवं मेलिंडा गेट्स फाउंडेशन के बीच करार हुआ है।