नई दिल्ली । देश-दुनिया के सबसे
बड़े व्यवसायिक मेलों
में शुमार विश्व
व्यापार मेले का
इस वर्ष आयोजन
नहीं होगा। इंडिया
ट्रेड प्रमोआर्गेनाइजेशन
आईटीपीओ की तरफ
से प्रगति मैदान
में प्रत्येक वर्ष
14 नवंबर से 27 नंवबर के
बीच लगने इस
मेले के आयोजन
को लेकर गृह
मंत्रालय की तरफ
से जारी अनलॉक
5 के दिशा-निर्देश
के बाद तस्वीर
साफ हुई है।
हालांकि आईटीपीओ की तरफ
से इसकी आधिकारिक
घोषणा नहीं की
गई है। पिछले
40 सालों से आयोजित
हो रहे इस
मेले का आयोजन
पर दूसरी बार
संकट गहराया है।
आईटीपीओ से मिली
जानकारी के मुताबिक
1979 से मेले की
शुरुआत हुई थी,
लेकिन किन्हीं कारणों
की वजह से
1980 में यह मेला
आयोजित नहीं हो
सका था। इसके
बाद वर्ष 2020 में
दूसरी बार ऐसा
मौका है, जब
मेले के आयोजन
नहीं होने जा
रहा है।केंद्रीय गृह
मंत्रालय की तरफ
से बुधवार को
जारी दिशा-निर्देशों
में बी टू
बी बिजनेश टू
बिजनेश प्रदर्शनी की मंजूरी
दी है, जिसके
बाद से विश्व
व्यापार मेले के
आयोजन पर संकट
गहरा गया है।
आईटीपीओ के कार्यकारी
निदेशक आईएएस राजेश अग्रवाल
के मुताबिक विश्व
व्यापार मेला बी
टू बी श्रेणी
में नहीं आता
है, यह बी
टू सी बिजनेश
टू कन्ज्यूमर मेला
व प्रदर्शनी है।
ऐसे में इसके
आयोजन को अभी
तक मंजूरी नहीं
मिली है। वहीं
अब मेले के
शुरु होने में
45 से भी कम
दिन बचे हैं,
तो वहीं हमारी
तैयारियां भी शुरु
नहीं हुई हैं।
जिसके लिए कई
राज्यों व देशों
को आंमत्रण भेजने
जैसी प्रक्रिया भी
शामिल है। ऐसे
में विश्व व्यापार
मेले का आयोजन
असंभव सा लग
रहा है। हम
बी टू बी
प्रदर्शनी के आयोजन
पर ध्यान लगा
रहे हैं। विश्व
व्यापार मेले के
आयाेजन ना होने
की स्थितियों के
बीच आईटीपीओ ने
मार्च 2021 में होने
वाले आहार मेले
की तैयारियां की
योजनाओं पर काम
करना शुरू कर
दिया है। आईटीपीओ
के कार्यकारी निदेशक
आईएएस राजेश अग्रवाल
के बीच आहार
आईटीपीओ का दूसरा
सबसे बड़ा मेला
है, जो बी
टू बी है।
ऐसे में अब
हम इस पर
ध्यान दे रहे
हैं। यह मेला
सेवा व होटल
क्षेत्र का सबसे
बड़ा मेला है।
हालांकि कोरोना की वजह
से यह क्षेत्र
सबसे अधिक प्रभावित
है। ऐसे में
अगर मार्च तक
इस क्षेत्र ने
उत्साह दिखाया तो बड़े
स्तर पर आहार
मेले का आयोजन
किया जाएगा। जिसमें
नए बन रहे
हॉलों में भी
मेला आयोजित होगा।
कोरोना से बचाव
के तहत घोषित
बंदी व अनलॉक
के विभिन्न चरणों
में मंजूरी ना
मिलने से रद
हुए आयोजन के
चलते आईटीपीओ को
200 करोड़ के राजस्व
नुकसान का अनुमान
है। आईटीपीओ के
कार्यकारी निदेशक आईएसएस निदेशक
राजेश अग्रवाल के
अनुसार राजस्व के नुकसान
का तो आंकलन
हमने किया है,
लेकिन मेलों के
आयोजन से जो
कारोबार होता है,
वह ना होने
से अर्थव्यवस्था को
जो नुकसान हुआ
है, उसका आंकलन
मुश्किल है।