Select Date:

जानिए पढ़िए जरूर, सरकार की बहुत सी गलत नीतियां

Updated on 21-11-2022 07:36 PM
मिडिल क्लास, छोटे मोटै दुकानदार व  व्यापार करने वाले, छोटी फैक्ट्रियां, सिटी में रहने वाले सभी मकान और दुकान वाले, गोडाउन व फैक्ट्री वाले सेंट्रल एवं स्टेट गवर्नमेंट और स्थानीय निकाय जैसे नगर निगम आदि को एक बड़ी भारी राशि का टैक्स देते हैं और सरकार अपने वोट बैंक को बनाने के लिए उस राशि का क्या क्या उपयोग करते हैं इस बारे में आपका ध्यान खींचना चाहूंगा। 
कमजोर वर्ग (जबकि एक मजदूर ₹ चार-पांच से कम में नहीं आता है) को देने के लिए एक रुपए किलो या दो रुपए किलो में गेहूं चावल दाल आदि बांटती है। झुग्गी झोपड़ी वालों को मिनिमम बिजली बिल। चुनाव पर किसानों के बिजली बिल माफी। सरकारी जमीन या रोड के किनारे कब्जा कर जिनके टापरे बने हैं उन्हें पट्टा दे देना या फिर वहां से हटाने पर उन्हें फ्लैट बनाकर दे देना। कहने का मतलब है कि सरकार जो टैक्स आप से विकास के नाम पर ले रही है उसमें से काफी राशि अपने वोट बैंक बनाने के लिए लुटा रही। बच्चों को स्कूल फीस, साइकिल, कॉपी किताब, कहीं-कहीं तो ड्रेस है यह सब मुफ्त में दे रही हैं। कॉलेज के विद्यार्थियों को लैपटॉप या टेबलेट मुफ्त में बांटना। कड़ी मेहनत की कमाई से लोग टैक्स भरते हैं और उसका काफी हिस्सा सरकार अपनी सत्ता बनाए रखने के लिए लुटा रही, बाकी पैसे में से नेता अधिकारी ठेकेदार सब जानते हैं कि इनकी मिलीभगत काकस के कारण यदि 100 करोड़ का ठेका है तो वास्तविकता में वह काम 50-60 करोड़ में भी हो सकता है लेकिन 100 करोड़ रुपए में से करीब-करीब 60-70 करोड़ रुपए भ्रष्टाचार व मुनाफे की भेंट चढ़ जाते हैं। सरकारी खर्च पर बड़ी-बड़ी सभाए बड़े-बड़े पंडाल और जितने भी दूसरे आयोजन करती है उसमें सरकार आम जनता से भी चंदा लेती तो उन्हें कहीं ना कहीं ओबलाइज भी करेगी। ऐसे में देश के नागरिक ऐसे सत्ताधारी से क्या अपेक्षा रखे, बरसों से गरीबी मिटायेंगे सुनते आ रहे हैं परंतु वास्तविकता मे गरीब बढ़ते जा रहे हैं। लाखों करोड़ों रुपया परिवार नियोजन के नाम पर खर्च किए गए लेकिन जनसंख्या निरंतर बढ़ रही है। लाखों-करोड़ों पेड़ वन विभाग व अन्य विभागों द्वारा लगाने का दावा करते हैं लेकिन जंगल छोटे होते जा रहे हैं। बड़े शहरों में निवेश के लिए कई औद्योगिक घराने को आमंत्रित करते हैं, उनके आने जाने वाले मार्ग को सजाने में लाखों रुपए खर्च करते है। सरकार उन अरबपतियों को  क्या समझती है कि वह सुंदर सड़के व डेकोरेशन को देखकर इन्वेस्ट करेंगे ? अरे जो बड़ा व्यापारी है उसको हर जगह की माहिती होती कि किस शहर में क्या चल रहा है। सरकार हर बार अरबों खरबों रुपए इन्वेस्ट होने का दावा करती है पर सब गलत साबित होता है।  आप भी सुन सुन थक जाएंगे और चिंतक लिखते लिखते थक जाएंगे, कई बार डर भी लगता है कि सरकार के खिलाफ ज्यादा मत बोलो किसी का दिमाग घूम गया तो आपसे इतना बदला लेगे कि भविष्य में सच लिखने बोलने वाला दुबक जाएंगे।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
(ये लेखक के अपने विचार है)

अन्य महत्वपुर्ण खबरें

 16 November 2024
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक  जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
 07 November 2024
एक ही साल में यह तीसरी बार है, जब भारत निर्वाचन आयोग ने मतदान और मतगणना की तारीखें चुनाव कार्यक्रम घोषित हो जाने के बाद बदली हैं। एक बार मतगणना…
 05 November 2024
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
 05 November 2024
चिंताजनक पक्ष यह है कि डिजिटल अरेस्ट का शिकार ज्यादातर वो लोग हो रहे हैं, जो बुजुर्ग हैं और आमतौर पर कानून और व्यवस्था का सम्मान करने वाले हैं। ये…
 04 November 2024
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
 03 November 2024
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
 01 November 2024
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
 01 November 2024
संत कंवर रामजी का जन्म 13 अप्रैल सन् 1885 ईस्वी को बैसाखी के दिन सिंध प्रांत में सक्खर जिले के मीरपुर माथेलो तहसील के जरवार ग्राम में हुआ था। उनके…
 22 October 2024
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…
Advertisement