पानी में जो भंवर होता है उसमें इंसान आ जाए तो वह गोल गोल घूमते घूमते
रसातल में चला जाएगा। बस यही है ग्लैमर यह वह भंवर है जब इसमें आ गए तो
आपको मालूम ही नहीं पड़ेगा की आप जिंदगी मे कितने रसातल तक चले गए। कुदरत
यदि आपके भाग्य चमका के भेजें तो बात अलग है पर आप अपने भाग्य चमकाने के
लिए ग्लैमर की दुनिया में जब जाते हैं तो झूठ सच, समझौता, मन मारना, नहीं
इच्छा हो वह काम करना पड़ता है, महिलाओं को तो अपने शारीरिक संबंधों में भी
समझौता करना पड़ता है। और हासिल क्या होता है चंद दिनों की शोहरत और पैसों
की गर्मी जिसे वृद्धावस्था में मेंटेन करना भारी पड़ जाता है। ग्लैमर की
दुनिया में रह रहे कई लोगों के बुढ़ापे हम देखते हैं। और जो लोग ग्लैमर की
दुनिया में हो कर भी ग्लैमर की चमक से दूर रहते हैं सदाबहार जिंदगी जीते
हैं। जब आप ग्लैमर में होते हैं तो आपको ना चाह कर भी घमंड आ जाता है। जबकि
प्रकृति के स्वभाव में आपको घमंड करने का कोई मौका नहीं है। रूप और ताकत
का घमंड आपकी जवानी तक। ज्ञान का घमंड आपकी सोच तक। लेकिन जो कलाकार है पर
घमंड नहीं करते हैं वह सब के दिलों पर राज करते हैं। ग्लैमर जिंदगी आपका
मिशन नहीं होना चाहिए जहां तक हो सके उससे आप दूर रहें क्योंकि आपकी जिंदगी
प्रकृति के वातावरण से जुड़ी हुई है उसी में आप खुश रहे हैं उसे मैं आप
स्वस्थ रहेंगे। अशोक मेहता, (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) (ये लेखक के अपने
विचार है)
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