मित्र यार दोस्त सखा यह वह शब्द है जो व्यक्ति के जीवन में बहुत महत्वपूर्ण हो जाते हैं अधिकांशतः यह शब्द आदमी के जीवन में सहायक होते हैं यदा-कदा उसके जीवन में यह शब्द कष्ट छोड़ जाते हैं। पहले अच्छे संबंध होने पर कहते थे घर की बात है परंतु इस बदलती परिस्थिति के दौर में परिवार के आपसी तालमेल नहीं होने पर इंसान के जीवन में उसका सबसे बड़ा साथियों उसका मित्र बन गया। मित्र से व्यक्ति अपने जीवन की अंतर्गत बातें भी कर लेता है, सुख दुख की बातें भी कर लेता है। आपस में त्याग व सहायता भी कर लेता है। मित्रता के पीछे व्यक्ति अपना सब कुछ समय पैसा खर्च करने से पीछे नहीं हटता है। मित्रता का शब्द एक विश्वास का पर्यायवाची बन गया है परंतु इक्का-दुक्का केस में कोई मित्रता का वास्ता देकर विश्वासघात कर लेता है और यह बात बरसों पुरानी चली आई झगड़े जर जोरू और जमीन के हैं जहां मित्रता के बीच में यह चीजें नहीं है तो वहां सब पवित्र रिश्ते होने की संभावना शत प्रतिशत है। मित्रता वह नहीं जो आज के युवा पीढ़ी आपस में कहते हैं जब दो लड़के लड़की मिलते हैं तो वह कहते हैं हम मित्र हैं मित्रता का यह अर्थ नहीं है। मित्रता का अर्थ है समर्पण त्याग एक दूसरे का आदर करना एक दूसरे की सहायता में खड़े रहना और एक दूसरे की रक्षा करना। हम मनन करें कि क्या हम किसी के सच्चे मित्र हैं या हमारा भी कोई मित्र है।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक ,पत्रकार ,पर्यावरणविद) ये लेखक के अपने विचार है I
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…