31 अक्टूबर को दीपावली तथा 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा होगी। दीपपर्व के लिए मंदिर में आकर्षक विद्युत रोशनी व पुष्प सज्जा की जाएगी।
धनत्रयोदशी पर पुरोहित समिति द्वारा भगवान महाकाल की महापूजा की जाएगी। अध्यक्ष पं.लोकेश व्यास ने बताया महापूजा के लिए विशेष तौर पर चांदी के सिक्के बनवाए गए हैं। देश, प्रदेश व नगर में सुख समृद्धि की कामना से भगवान को चांदी का सिक्का अर्पित कर पूजा अर्चना की जाएगी।
इसके बाद राजा पर सिक्के न्योछावर कर समिति सदस्यों को वितरित किए जाएंगे। इस दिन मंदिर के सभी पुरोहित घर पर इन्हीं सिक्कों की पूजा करते हैं। बता दें अन्य मंदिरों में अन्नकूट की शुरुआत दीपावली के अगले दिन कार्तिक शुक्ल प्रतिपदा से होती है।
महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति द्वारा ग्राम चिंतामन स्थित वैदिक शोध संस्थान परिसर में गोशाला का संचालन किया जाता है। मंदिर की परंपरा अनुसार 2 नवंबर को गोशाला में गोवर्धन पूजा होगी। मंदिर प्रशासक व समिति सदस्यों द्वारा गोवर्धन व गोमाता का पूजन किया जाएगा।