बांग्लादेश की अंतरिम सरकार लगातार शेख हसीना के प्रत्यर्पण पर जोर देती आ रही है। वह इसके लिए दोनों देशों के बीच 2013 में हुई प्रत्यर्पण संधि का हवाला दे रही है। हालांकि, उसी संधि के आर्टिकल 6 में साफ तौर पर लिखा है कि अगर किसी राजनीतिक चरित्र वाले अपराध के मामले में प्रत्यर्पण की गुजारिश की जाएगी तो उसे ठुकराया जा सकता है। हालांकि, शेख हसीना के प्रत्यर्पण को लेकर भारत बहुत ही सधी हुई प्रतिक्रिया देता रहा है और सीधे-सीधे टिप्पणी करने से बचता रहा है।