बालोद जिले के ग्राम जगन्नाथपुर में भेंट मुलाकात कार्यक्रम में पहुंचे
सीएम भूपेश बघेल ने बच्ची वैष्णवी यादव को गोद में उठाकर खूब दुलारा।
उन्हें ढेर सारा प्यार दिया। इस बच्ची का सपना साकार किया। यह सपना था अपने
कका से मिलने का। मुख्यमंत्री छत्तीसगढ़ सहित देश भर में कका नाम से चर्चित
हैं। वायरल वीडियो में बच्ची के ललक को देख सीएम भी रह नहीं पाए। उन्होंने
भेंट मुलाकात में अपनी नन्हीं फैन वैष्णवी के ही गांव में जाने की योजना
बनाई। बकायदा वहां पहुंचे और वैष्णवी से मिले। बच्ची ने भी उन्हें यादगार
के रूप में खास तोहफा दिया, तो मुख्यमंत्री जी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर
भी बच्ची का वीडियो फोटो शेयर करते हुए लिखे - ले आगे तोर कका।
दो वीडियो हुए थे वायरल
बच्ची के दो वीडियो छत्तीसगढ़ में वायरल हुए थे। इसमें एक वीडियो में वह
पोस्टर देखकर मुख्यमंत्री को पहचान कर कका बोल रही थी। तो दूसरा वीडियो
भेंट-मुलाकात की तैयारी के दौरान बच्ची ने स्नेहिल अपील छत्तीसगढ़ी में की
थी कि जल्दी हमर गांव आबे कका में तोर अगोरा में बैठे हो।
आखिर कका की गोद तक पहुंच ही गई नन्हीं फ्रेंड वैष्णवी, हथेलियों पर सजाकर आई थी ‘मोर मयारू कका‘ नाम की मेहंदी
सीएम बोले- मोर से बिकट मया करथस का नोनी
ग्राम जगन्नाथपुर की रहने वाली 3 साल की बच्ची वैष्णवी यादव को जब भेंट
मुलाकात कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं इस बच्ची के पास
आए और उसे पहचानते हुए कहा, अच्छा यही है वैष्णवी। उन्होंने बच्ची के
परिजनों से बातचीत भी की और वैष्णवी द्वारा दिए गए फ्रेम तोहफे को स्वीकार
किया। वैष्णवी अपने ‘कका‘ से मिलने के इंतजार में काफी देर तक बैठी हुई थी।
कका से मिलने के लिए भीड़ इतनी थी कि लोग धक्का-मुक्की कर रहे थे। ऐसे में
वह निराश होकर रोने भी लगी थी, जिसे देखते हुए कका ने तत्काल उसे दुलारते
हुए उनके पिता दीपक यादव की गोद से उठाकर अपनी गोद में ले लिया। इस दौरान
मुख्यमंत्री की नजर वैष्णवी की हथेली पर पड़ी, जिस पर मेहंदी सजी थी, जिस पर
लिखा था मोर मयारू कका भूपेश बघेल। मेहंदी देखकर उन्होंने कहा- वाह! बढ़िया
मेहंदी सजाई हो। मोर से बिकट मया करथस का नोनी? यह सुनकर आसपास खड़े लोग
ठहाके मारकर हंस पड़े।
मुख्यमंत्री के गांव पहुंचते ही उत्साहित थी बेटी, बार-बार मिलने के लिए पिता का हाथ खींचती रही
जैसे ही मुख्यमंत्री का हेलीकॉप्टर गांव पहुंचा वैष्णवी उनसे मिलने के लिए
आतुर हो रही थी। वह बार-बार पिता के हाथ खींचते हुए मंच की ओर बढ़ने का
इशारा करती थी। जब मुख्यमंत्री पहुंचे तो उसकी आतुरता और बढ़ गई, लेकिन
मुलाकात नहीं हो पा रही थी। वह इंतजार में ही बैठी थी, फिर कार्यक्रम के
अंत में स्वयं मुख्यमंत्री वैष्णवी से मिलने के लिए उनके पास पहुंचे और उसे
पहचान भी गए। इस दौरान विधायक संगीता सिन्हा ने मुख्यमंत्री से वैष्णवी को
मिलवाते हुए कहा कि यह वही बेटी है। पिता ने भेंट किया सीएम को फ्रेम,
लिखा था पहुना ल मया के पाती, साथ मे दिया एक अनूठा पत्र। जिसमें बेटी है
तो कल है के उद्देश्य को बतलाया गया था। उन्होंने इस पत्र के जरिए
मुख्यमंत्री से अपेक्षा भी की कि दिवाली पर लक्ष्मी पूजन दिवस पर बेटी
तिहार के रूप में भी मनाया जाना चाहिए। जैसे बेटियों के सम्मान में
जगन्नाथपुर में मिट्टी के दीपक जलाए जाते हैं वैसे हर गांव और शहर में होना
चाहिए। उन्होंने पत्र के जरिए बताया कि समाज में बेटी बेटा के प्रति
भेदभाव दूर होना चाहिए।
मुख्यमंत्री से वैष्णवी को उपहार के तौर पर मिला फ्रॉक, गुल्लक और पहाड़ा
मुख्यमंत्री के भेंट मुलाकात के दौरान वैष्णवी को तोहफा भी मिला, जिसमें
फ्रॉक, गुल्लक और पहाड़ा था। घर आते ही उसने वही फ्रॉक पहनकर सबको बताती रही
कि उनके कका ने यह गिफ्ट दिया है।
बालोद जिले से कका के रवानगी पर उदास हुई उनकी नन्ही फैन वैष्णवी, 12 किमी दूर गांव से बालोद पहुंची थी आभार पाती भेंट करने
बुधवार को वैष्णवी रानी यादव मुख्यमंत्री भूपेश बघेल कका के बालोद से
रवानगी पर उदास हो गई। वह अपने पिता के साथ आभार पाती भेंट करने के लिए
बुधवार को बालोद में कला केंद्र पहुंची थी। इस दौरान पिता के जरिए आभार
पाती भेंट की। नन्हीं वैष्णवी के आंखों में आसूं देख मुख्यमंत्री ने कहा अब
काबर रोवत हवस नोनी। आभार पाती में बेटी है, तो कल है का संदेश देते हुए
मुख्यमंत्री के फेसबुक, ट्विटर और सीएमओ के फेसबुक पेज, अकाउंट पर बेटी
वैष्णवी से संबंधित डाले गए पोस्ट के स्क्रीनशॉट और बच्ची की कका से पहली
मुलाकात की तस्वीरें शामिल किए गए थे। वैष्णवी की ओर से लिखा गया था,
धन्यवाद मोर कका, आप की लाडली वैष्णवी रानी, मोर से मिलेव, हमर गांव आयेव,
मोला पायेव, दुलारेव, मोला बहुत अच्छा लागिस।