पितृपक्ष का महापर्व साल में एक बार आता हैं,पितरों को प्रसन्न करने हेतु सभी प्रयास भी करते है, जैसे श्राद्ध तर्पण आदि के माध्यम से पितरों को याद करते हैं । कहा जाता हैं कि हम जीवन में जो भी उन्नति करते है वो सब पितरों की कृपा और आशीर्वाद से ही संभव होता हैं । अगर पितृ पक्ष कुछ छोटे छोटे उपायों को किया जाये तो पितृ दोष जैसी परेशानी भी पितरों के आशीर्वाद से दूर हो जाती हैं ।
- पितृ पक्ष में प्रतिदिन पितरों के निमित्त तर्पण करे या किसी ब्राह्मण से करवायें ।
- पितृ पक्ष में प्रतिदिन पितृ सूक्त के पितृ गायत्री का संपुट लगाकर के अधिक से अधिक पाठ करे या करवाये वैसे 11000 पाठ में अनुष्ठान की पूर्णता होती है ।
- पितृ पक्ष में प्रतिदिन पितृ गायत्री मंत्र का जप अवश्य करें । पितृ दोष से मुक्ति मिलेगी ।
- प्रत्येक श्राद्ध वाले दिन यथाशक्ति ब्राह्मणों या गरीबों को भोजन कराये और यथाचित दक्षिणा देकर आशीर्वाद लें ।
- प्रत्येक श्राद्ध वाले दिन गाय, कुत्ते, चीटियों, और कौआ को भी भोजन प्रदान कराना चाहिए ।
- पितृ पक्ष में पितरों की अनुकूलता पाने हेतु श्री मद्भागवत महापुराण का मूल पाठ तथा श्रीमद्भगवद गीता का पाठ आदि भी किये या किये जा सकते है ।
पितृ पक्ष में पितरों की कृपा पाने के लिए ब्रह्म गायत्री मंत्र का भी जप अनुष्ठान किया जा सकता है ।
- पितरों की प्रसन्नता के लिए प्रत्येक महीने की अमावस्या तिथि को सरसों के तेल का दीपक सूर्यास्त के समय दक्षिण मुखी जलाना चाहिए ।