नई दिल्ली। मैंने कभी नहीं सोचा था कि प्लेन में बैठ पाउंगा, वो तो मालिक हैं जिन्होंने टिकट करवा दी। दिल्ली से बिहार अपने घर जा रहे प्रवासी मजदूर ने दिल्ली एयरपोर्ट पर खड़े होकर यह बात कही। कोरोना वायरस लॉकडाउन में जहां मकान, कंपनी मालिक की छवि बेहद क्रूर लोगों जैसी दिखाई पड़ रही थी वहां पप्पन गहलोत नाम का शख्स इन 10 मजदूरों के लिए मसीहे की तरह सामने आया है। सभी 10 मजदूर पप्पन के ही यहां काम करते थे, जिन्हें पप्पन ने काम बंद होने के चलते अपने पैसों पर हवाई टिकट खरीदकर इन लोगों को घर भेजा। इसमें उनके 68 हजार रुपये खर्च हुए। पप्पन मशरूम की खेती करते हैं। ये लोग करीब 20 सालों से उनके पास काम कर रहे हैं। फिलहाल कोरोना काल में अपने घर जाना चाहते थे। ऐसे में पहले ट्रेन टिकट करवाने की कोशिश हुई, लेकिन उसमें सफलता नहीं मिली। फिर लोगों को प्लेन की टिकट खरीदकर पटना भेजा गया। एयरपोर्ट पर पप्पन के भाई निरंजन गहलोत मजदूरों को प्लेन में बैठाने आए थे, उन्होंने यह सब बताया।
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