फैमिली बॉन्डिंग - जिसे हम साधारण भाषा में परिवार में तालमेल के नाम से जानते हैं
Updated on
14-07-2021 06:49 PM
फैमिली बॉन्डिंग -जिसे हम साधारण भाषा में परिवार में तालमेल के नाम से जानते हैं। एक सभ्य समाज के लिए अत्यधिक आवश्यक है कि पहले परिवार में सामंजस हो तो समाज में सामंजस्य अपने आप हो जाएगा। अमूमन यह देखने में आया है कि अधिकतर परिवार में तालमेल खत्म होते जा रहा है क्योंकि परिवार के सदस्य आपस में एक दूसरे की इज्जत सद्भावना उनके लिए त्याग करना भूल गए हैं। सिर्फ अपना अपना सोचने में परिवार छिन्न भिन्न हो गए। कई बार ऐसा भी होता है कि एक सदस्य अपने अडियल मिजाज से पूरे परिवार को प्रभावित करता है। यह भी अक्सर देखने में आया है कि व्यक्ति बाहर तो सबसे कंप्रोमाइज कर लेगा पर घर के सदस्यों को वह अपनी हेकड़ी दिखाएगा। वह यह जानता है कि परिवार वाले उसे नुकसान नहीं पहुंचाएंगे। कहीं-कहीं आपसी समझदारी के अभाव में भी परिवार टूट जाते हैं। कुछ नियम शासन द्वारा बनाने से भी परिवार पर फर्क पड़ा है मुझे ख्याल है सीलिंग एक्ट लगने के पहले बहुत सारे संयुक्त हिंदू परिवार थे लेकिन सीलिंग एक्ट लगने के बाद से परिवार टूटते गए क्योंकि उस जमाने में कॉलोनी की परमिशन सिर्फ सहकारी समिति को ही देते थे और जिसके लिए प्लाट की सीमा भी निर्धारित थी। अब छोटे से प्लाट में पूरा परिवार रह नहीं सकता इसलिए अलग-अलग प्लाट खरीदते थे बस यही से परिवार टूटना शुरू हो गए।
अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, इंजीनियर) ये लेखक के अपने विचार है I
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