आज के दौर में यह तीनों चीजें राजनीतिज्ञो की मीनार है। बड़ा दुख होता है जब राष्ट्रीय स्तर के नेता जनप्रतिनिधि जब इन तीनों चीजों की बल पर चुनाव जीतना चाहते हैं। हम टीवी पर देखते रहते हैं चुनावी सभाओं में किस प्रकार एक दूसरे को नीचा दिखाना और एक दूसरे के लिए किस कदर गलत बोलना यह आम बात हो गई है। और दुख तब होता है कि जिन्हें हम अपना हीरो समझते थे यदि वे ही इस प्रकार का आचरण करने लगे तो किसी से क्या उम्मीद है। देश का क्या भला होगा। सरकार का गलत आंकड़े देने का एक अपना सिस्टम बन गया जनता से वास्तविकता छुपाना उनका आचरण होता जा रहा है। अभी कोविड के दौर का ही देखे आप किस कदर गलत आंकड़े आ रहे हैं। कभी भी कोई भी सरकारी विभाग सत्य जानकारी नहीं देंगे मैन्यू प्लेटेड स्टैटिसटिक्स बनाकर रखेंगे। जो भी आंकड़े बताएंगे वह सब जोड़-तोड़ करके बनाए हुए होंगे। कई विभाग लाभ हानि के गलत आंकड़े देते हैं और भ्रमित कर रहे हैं और जनता भी जानती है कि आंकड़े गलत है पर क्या कर रही है सो रही है। बरसों गुलाम रही है जनता तो आज भी वही मानसिकता है। क्या मिलेगा इस प्रकार से सरकार में रहकर झूठ कपट और लांछन की राजनीति करना।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
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छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…