आडंबर और झांकी से भरे आयोजन, बच ना पाया कोई संत, जननायक या आम जनता, कई आडंबर मे फसे
Updated on
14-12-2022 12:13 PM
संसार त्याग कर संत बने, कई तिर गए, कई तारक बन गए और कई आडंबर वाले भव्य आयोजन से नही बच सके। जन्म जयंती, दीक्षा महोत्सव, पुण्यतिथि खासकर कई साधु संत के नाम से बहुत भव्य पैमाने पर कार्यक्रम होते हैं करोड़ों रुपए खर्च किए जाते हैं। अनेक राजनितीज्ञय् द्वारा अब अपने पद ग्रहण, जन्म दिसव, पुत्र पुत्री या पोत्र पोत्री की शादी पर भी भव्य पैमाने पर आयोजन आयोजित होते हैं। अरबपतियों की शादियां उनके तो लोग वीडियो देखकर ही खुश होते हैं। हालांकि ऐसी बात करने वाले को जलकुकड़े की उपाधि मिलती है उसे कहा जाता है तुम में दम हो तो तूम भी करके दिखाओ।
जिन्होंने स्वयं पैसा कमा कर ऐसे यश गान वाले कार्यक्रमों को किया वह तो उचित है परंतु जिन्होंने पैसा नहीं कमाया पर उनके यहां ऐसे यश गान वाले कार्यक्रम का होना एक गंभीर आशंका को जन्म देता है कि आखिर यह पैसा आया कहां से जिसको आयकर विभाग भी ढूंढ ना सका। काश ऐसे झांकी वाले कार्यक्रम आयोजित करने के बजाए आध्यात्मीक रूख रखते हुए ऐसी दुनिया पर खर्च किया जाता जहां सिर्फ मेहनतकश को कई सुविधाए निशुल्क मिल पाती या अपंग लोगों को मिलपाती। ध्यान दे आलसी और मक्कार को फ्री में कुछ नहीं मिलना चाहिए ये लोग सरकार से भी कई सुविधा एवं लाभ ले चुके।
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…