स्वर्ग याने वह लोक जहां बिना कष्ट के शांति प्रिय सहज सरल और संस्कृति प्रधान वातावरण, जहां देवता निवास करते हैं और सत्कर्म करने वाला मनुष्य मरणोपरांत रहने की पात्रता रखता है। धरती दुख और कष्टों से भरी है फिर भी धरती पर स्वर्ग की स्थापना आपके हाथ लिखी होती है। आप भले ही छोटा हो पर समूह में रहे, जॉइंट परिवार में रहे, अच्छे मित्र और रिश्तेदारों की संगत बना ले। और सभी आपस में मिलजुल कर एक दूसरे के दुख सुख को बांटे एक दूसरे की खुशियां मनाएं। और इन सब बातों के लिए आवश्यक है कि आप आवश्यकता से अधिक किसी भी चीज का संग्रह ना करें, सभी एक दूसरे कि मदद को आतुर रहे, जिसके पास जो चीज ज्यादा हो वह आपस में जिसको जरूरत हो उसके साथ शेयर करें। आप यह मानले कि आपका जन्म जन सेवा के लिए हुआ है। भौतिकता विलासिता ग्लैमर और दिखावे से भरे जीवन से दूर रहें। यदि मन में शांति है तन में चुस्ती है तो सादगी भरा जीवन ही असली रईसी का जीवन है प्रकृति से जुड़े रहे याने आप हर मौसम का लुफ्त उठाएं बरसात में नहाना, सर्दी में ताप में बैठना, गर्मी में पेड़ की छांव मैं रहना, लोकगीत संगीत पूरे ग्रुप के साथ, हर सीजन का फल खाना और यह सब काम अकेले नहीं पूरी संगत या परिवार के साथ लुफ्त उठाना। आपस में प्यार और सम्मान देना जिंदगी के लुफ्त का सत्य है। और यही स्वर्ग कि धरा है। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्)
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लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
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वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…