नई दिल्ली । भारत
में अब तक
के सबसे बड़े
हवाला रैकेट का
खुलासा करते हुए
प्रवर्तन निदेशालय ईडी ने
अमेरिका, ब्रिटेन, इटली, स्पेन,
नीदरलैंड और यूएई
सहित कम से
कम छह देशों
में वॉन्टेड अंडरवर्ल्ड
हवाला कारोबारी नरेश
जैन को गिरफ्तार
किया है। ईडी
ने हवाला कारोबारी
नरेश जैन को
मनी लॉन्ड्रिंग के
एक मामले में
गिरफ्तार किया है,
जो पिछले कुछ
सालों में कई
व्यवसायियों, ड्रग माफिया
और अन्य आपराधिक
नेटवर्क के लिए
550 से अधिक फर्जी
कंपनियों का उपयोग
करके किए गए
एक लाख करोड़
रुपये से अधिक
के संदिग्ध लेनदेन
से जुड़ा है।
अधिकारियों ने बताया
कि नरेश जैन
(62) को मनी लॉन्ड्रिंग
एक्ट धनशोधन निवारण
अधिनियम की धाराओं
के तहत गिरफ्तार
किया गया है
और यहां रोहिणी
स्थित एक स्थानीय
अदालत ने उसे
नौ दिन के
लिए ईडी की
हिरासत में भेज
दिया। जांच एजेंसी
ने देर
रात एक बयान
जार किया और
कहा कि जैन
को 'मनी लॉन्ड्रिंग
और अंतरराष्ट्रीय हवाला
लेनदेन' में उसकी
भूमिका के लिए
चल रही पीएमएलए
जांच में गिरफ्तार
किया गया है।
इसके तहत 554 फर्जी
या संदिग्ध कंपनियां,
कम से कम
940 संदिग्ध बैंक खाते
और 1.07 लाख करोड़
रुपये से अधिक
के मनी ट्रांसफर
एजेंसी की जांच
के घेरे में
है जिसे देश
के सबसे बड़े
हवाला और व्यापार
आधारित धनशोधन मामलों में
से एक बताया
जा रहा है।
आधिकारियों ने बताया
कि ईडी की
जांच के घेर
में कुछ 'बड़े
कार्पोरेट' और एक
बड़ी विदेशी विनिमय
कंपनी है। ईडी
दो मनी लॉन्ड्रिंग
एक्ट के तहत
नरेश जैन और
उसके सहयोगियों के
खिलाफ जांच कर
रही है, जो
दिल्ली पुलिस की आर्थिक
अपराध शाखा ईओडब्ल्यू
की 2018 की प्राथमिकी
और नारकोटिक्स कंट्रोल
ब्यूरो (एनसीबी) की एक
आपराधिक शिकायत पर आधारित
हैं। जैन को
ईडी द्वारा 2009 में
उस पीएमएलए मामले
में गिरफ्तार किया
गया था जो
दिसंबर 2009 में एनसीबी
मामले से उभरा
था। दिल्ली के
कारोबारी की यह
गिरफ्तारी पुलिस ईओडब्ल्यू की
उस प्राथमिकी के
सिलसिले में हुई
है जो कि
धोखाधड़ी, जालसाजी और अपराधिक
षड्यंत्र के आरोपों
में उसने उसे
ईडी द्वारा भेजी
गई एक शिकायत
के आधार पर
दर्ज की थी।
अधिकारियों ने बताया
कि ईडी ने
ईओडब्ल्यू प्राथमिकी के आधार
पर पीएमएलए मामला
दर्ज होने के
बाद राष्ट्रीय राजधानी
के रोहिणी और
विकासपुरी इलाकों में जैन
और उसके सहयोगियों
के परिसरों पर
छापेमारी की थी
और 'विदेशी बैंक
खातों' को संचालित
करने के लिए
14 डिजिटल कुंजी जब्त की
थी, जिनका इस्तेमाल
टेलीग्राफिक ट्रांसफर करने के
लिए किया गया।
साथ ही कथित
शेल फर्म के
संचालन से संबंधित
दस्तावेज, पेन ड्राइव,
हार्ड ड्राइव आदि
जब्त की गई
थी। सूत्र ने
कहा कि एजेंसी
ने 970 लाभार्थियों की पहचान
की है जिन्हें
अभी तक करीब
18,680 करोड़ रुपये कथित संदिग्ध
राशि स्थानांतरित की
जा चुकी है।
ईडी ने एक
बयान में कहा,
'यह पता चला
है कि जैन
ने 114 विदेशी बैंक खातों
में करीब 11,800 करोड़
रुपये का हवाला
संचालन किया है।
उन्होंने कहा कि
कई फर्जी दस्तावेज,
मार्कशीट, जन्म प्रमाणपत्र,
पैन कार्ड और
मतदाता पहचान पत्र भी
एजेंसी ने बरामद
किए हैं जिसके
आधार पर संदिग्ध
बैंक खातों और
शेल फर्म को
कथित तौर पर
संचालित किया जा
रहा था। जैन
लंबे समय से
जांच एजेंसियों के
रडार पर था
और 2016 में ईडी
ने विदेशी मुद्रा
कानून के कथित
उल्लंघन के मामले
में उसे 1200 करोड़
रुपये का नोटिस
भी जारी किया
था। एजेंसियों के
अनुसार, जैन वर्षों
से कथित तौर
पर धनशोधन और
'हवाला' के पैसे
के लेनदेन में
लिप्त है। साथ
ही उस पर
मादक पदार्थ गिरोहों
को भी धन
मुहैया कराने का आरोप
है और उसे
पूर्व में मादक
पदार्थ नियंत्रण ब्यूरो एनसीबी
ने गिरफ्तार भी
किया था।