इमानदारी से मुश्किल किन्तु पैसे से पैसे कमाना आसान
Updated on
22-09-2022 03:06 PM
भारत की आजादी के दौर में पैसों का सरकुलेशन कम था लेकिन उनका वजन ज्यादा था। उस दौर में करोड़पति तो ठीक है लखपति ढूंढने से नहीं मिलते थे इक्का-दुक्का चंद गांव या शहर में लखपति हुआ करते थे। साइकिल एक तरह से रईसी की निशानी हुआ करती थी। अधिकांश व्यक्ति और व्यापारी के व्यवहार एवं आचरण में इमानदारी व सत्यता होती थी। क्योंकि जनसेवक और सरकारी कर्मचारी के व्यवहार, आचरण भी सत्यता, इमानदारी और सहयोगात्मक होते थे।आज का दौर इसके बिल्कुल विपरीत कार्य शैली में है। व्यक्ति चाह कर भी इमानदारी से काम नहीं कर पा रहा क्योंकि सरकार ने नियमावली का इतना गहरा जाल बना रखा है कि आप उसमें ईमानदारी से सिर्फ रोटी खा सकते हो या स्कूटर में पेट्रोल भरा लो कार को तो मेंटेन करने का सोच ही नहीं सकते। अभी इस दौर में सरकारी नियम अनुसार सिर्फ पैसे से ही पैसा बनेगा याने MONEY MAKES MONEY मल्टी मिलेनियर बहुत जल्दी मिलियंस में कमा लेगा छोटे-छोटे उद्योग छोटे प्रॉपर्टी ब्रोकर छोटे व्यापारी यह लोग एक तरह से जैसे पहले छोटा किसान की पूरी कमाई जागीरदार लेता था अब इनकी कमाई सरकार ले रही है। इतनी महंगी बिजली देने के बावजूद भी बिजली कंपनी घाटा प्रदर्शित करती है और सरकार उसे कुछ नहीं कहती। इससे अनुमान लगा लो इस देश में क्या हो रहा है।
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