मॉडर्न जिंदगी के पीछे भागते भागते हम अपने जीवन के साथ कई खिलवाड़ कर बैठते हैं बिना वजह का हम तनाव पालते हैं। हर चीज को हम अपने कब्जे मे चाहते हैं हमें कार चाहिए, हवाई जहाज चाहिए, आलीशान मकान चाहिए, गहने चाहिए और इसके लिए पाले गए तनाव से पता पड़ा है कि हमें शुगर है तो हम मिठाई भी नहीं खा सकते, जबकि एक ठेला चलाने वाला मस्त दो जलेबी सकता है सोचो कौन सुखी है। हम कभी यह नहीं सोचते कि हमें जीवन के लिए क्या आवश्यक है, हमारी क्या सच्चाई है बिना वजह की इच्छाओ के कारण हम जिंदगी में इतने तनाव पाल लेते हैं और उसका सिधा असर शरीर और दिमाग पर गिरता है। मन की शांति सुख सब हम अपने आप दांव पर लगा देते हैं, क्यों ऐसा करते हैं हम, एक बार सिर्फ यह सोच लो कि मैं किसी मॉडर्न जिंदगी के पीछे नहीं भागना है जो मेरे भाग्य में है वह मुझे सब मिलेगा और जो मेरे भाग्य में नहीं उसे मैं नही पाऊंगा और ना उसके साथ जी पाऊंगा। हम परीक्षा में फेल होते हैं तो तनाव पालते हैं, पैसा कम या नहीं कमा पाते हैं तो तनाव पालते हैं। मेहनत नहीं करते हैं आलसी बैठते हैं अपने आप को छोटा समझ लेते हैं और हम कई तनाव पाल लेते हैं। किसी के कुछ भी कहने पर तनाव पाल लेते हैं। किसी के घर गए और उसने चाय की नहीं पूछी इस बात पर भी तनाव पालते है। अपनी नजर बदलो अपने आप से अपनी जिंदगी की व्याख्या समझो और उसे जीने की कोशिश करो। अशोक मेहता, इंदौर (लेखक, पत्रकार, पर्यावरणविद्) ये लेखक के अपने विचार है I
महाराष्ट्र में भाजपानीत महायुति और कांग्रेसनीत महाविकास आघाडी के लिए इस बार का विधानसभा चुनाव जीतना राजनीतिक जीवन मरण का प्रश्न बन गया है। भाजपा ने शुरू में यूपी के…
लोकसभा विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित हो चुके हैं।अमरवाड़ा उपचुनाव में भाजपा प्रत्याशी कमलेश शाह को विजयश्री का आशीर्वाद जनता ने दिया है। लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 29 की 29 …
छत्तीसगढ़ के नीति निर्धारकों को दो कारकों पर विशेष ध्यान रखना पड़ता है एक तो यहां की आदिवासी बहुल आबादी और दूसरी यहां की कृषि प्रधान अर्थव्यस्था। राज्य की नीतियां…
भाजपा के राष्ट्रव्यापी संगठन पर्व सदस्यता अभियान में सदस्य संख्या दस करोड़ से अधिक हो गई है।पूर्व की 18 करोड़ की सदस्य संख्या में दस करोड़ नए सदस्य जोड़ने का…
छत्तीसगढ़ राज्य ने सरकार की योजनाओं और कार्यों को पारदर्शी और कुशल बनाने के लिए डिजिटल तकनीक को अपना प्रमुख साधन बनाया है। जनता की सुविधाओं को ध्यान में रखते…
वर्तमान समय में टूटते बिखरते समाज को पुनः संगठित करने के लिये जरूरत है उर्मिला जैसी आत्मबल और चारित्रिक गुणों से भरपूर महिलाओं की जो समाज को एकजुट रख राष्ट्र…