" जंगल में मोर नाचा किसने देखा " यह जो कहावतें यह इसी बात पर लागू होती है यदि आप अपने हुनर और अपनी कला को छुपाते हैं तो कैसे सभी जान पाएंगे। अतः निर्भीक होकर अपनी कला और हुनर को आप को प्रदर्शित करना चाहिए और आगे बढ़ाते रहना चाहिए। कोई जरूरी नहीं की इसका प्रदर्शन पैसे के लिए हो, नाम के लिए हो या किसी के दबाव अथवा कहने पर हो। इसका प्रदर्शन आपको अपने आत्म शांति मन की शांति और गुड फीलिंग के लिए होना चाहिए। ईश्वर बहुत सोच समझकर व्यक्ति में हुनर और कला देता है इससे आपका व्यक्तित्व और चमकेगा। जब आप के हुनर और कला के बारे में आपसे कोई चर्चा करेगा तब आपको बहुत अच्छा लगेगा। हां यह बात हो सकती है कि कोई व्यक्ति आपकी भावना को ना समझते हुए आपके कला और हुनर पर कुछ अच्छे कमेंट ना करें तो उससे अब विचलित ना हो तनाव ना पाले क्योंकि वह उसका व्यक्तिगत मत हो सकता है। और कहावत भी है " निंदक नियरे राखिए " उसके कहने पर आपकी कला को और चमकाने का अच्छा मौका मिलता है। हुनर और कला ईश्वर का वह मीठा वरदान है जो आपके गर्व का विषय है और आपके जीवन का नूर है। जब आप अपने हुनर और कला से अपने घर को सजाते हैं तो उसमें रहने का जो आनंद आप पाते है वह किसी इंटीरियर डेकोरेटर के द्वारा सजाए जाने पर भी आप नहीं पाएंगे। इसी तरह आपका खान-पान रहन-सहन सब कुछ आपक मन माफी बनाए रखें, सुखी और मस्त जीवन का यही मंत्र है।
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