🎇 *दिवाली के दिन अपने घर के बाहर सरसों के तेल का दिया जला देना, इससे गृहलक्ष्मी बढ़ती है ।*
🎇 *दिवाली की रात प्रसन्नतापूर्वक सोना चाहिये ।*
🍚 *थोड़ी खीर कटोरी में डाल के और नारियल लेकर के घूमना और मन में "लक्ष्मी- नारायण" जप करना और खीर ऐसी जगह रखना जहाँ किसी का पैर ना पड़े और गाये, कौए आदि खा जाएँ और नारियल अपने घर के मुख्य द्वार पर फोड़ देना और इसकी प्रसादी बाँटना । इससे घर में आनंद और सुख -शांति रहेगी ।*
🎇 *दिवाली के दिन अपने घर के मुख्य द्वार पर नीम व अशोक (आसोपाल ) के पत्तों का तोरण लगा देना , इस पर से पसार होने वाले की रोग प्रतिकारक शक्ति बढेगी ।*
🎇 *दिवाली के दीन अगर घर के लोग गाय के गोबर के जलते हुए कंडे पर ५-५ आहुतियाँ डालते हैं, तो उस घर में सम्पदा व संवादिता की सम्भावना बढ़ जाती है । घी, गुड़, चन्दन चूरा, देशी कपूर, गूगल, चावल, जौ और तिल । ५-५ आहुति इन मंत्र को पढ़कर डालें - स्थान देवताभ्यो नमः, ग्राम देवताभ्यो नमः, कुल देवताभ्यो नमः । फिर २-५ आहुतियाँ लक्ष्मीजी के लिए ये मंत्र बोलकर डालें - ओम श्रीं ह्रीं क्लीं ऐं कमलवासिन्यै स्वाहा ।
🌷 *दिवाली की रात मंत्र सिद्धि* 🌷
🎇 *दिवाली की रात भूलना नहीं जप, ध्यान, सुमिरन सफल होता है, इसलिये स्वास्थ्य का मंत्र जप लेना और संम्पति प्राप्तिवाले संम्पति का लक्ष्मी का मंत्र अथवा श्री हरि वाला मंत्र जप लेना और भगवत प्राप्ति वाले तो संकल्प करना –*
🌷 गत वर्षों में दिवाली के समय बताई गयी कुछ बातें -*
🎇 *पूजा के स्थान पर मोर-पंख रखने से लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है...*
🎇 *दीपावली के दिन लौंग और इलाइची को जलाकर राख कर दें; तिलक करें; लक्ष्मी-प्राप्ति में मदद मिलती है, बरकत होती है |*
🎇 *दीपावली की संध्या को तुलसी जी के निकट दिया जलायें, लक्ष्मीजी को प्रसन्न करने में मदद मिलती है; कार्तिक मास में तुलसीजी के आगे दिया जलाना पुण्य-दाई है, और प्रातः-काल के स्नान की भी बड़ी भारी महिमा है |*
🎇 *दीपावली, जन्म-दिवस, और नूतन वर्ष के दिन, प्रयत्न-पूर्वक सत्संग सुनना चाहिए |*
🎇 *दीपावली की रात का जप हज़ार गुना फलदाई होता है; ४ महा-रात्रियाँ हैं - दिवाली, शिवरात्रि, होली, जन्माष्टमी - यह सिद्ध रात्रियाँ हैं, इन रात्रियों का अधिक से अधिक जप करके लाभ लेना चाहिए |*
🙏🏻 *दीपावली के अगले दिन , नूतन वर्ष होता है ; उस दिन, सुबह उठ कर थोडी देर चुप बैठ जाएँ; फिर, अपने दोनों हाथों को देख कर यह प्रार्थना करें:*
🌷 *कराग्रे वसते लक्ष्मी, कर-मध्ये च सरस्वती,*
*कर-मूले तू गोविन्दः, प्रभाते कर दर्शनं ||*
➡ *अर्थात -*
*मेरे हाथों के अग्र भाग में लक्ष्मी जी का वास है, मेरे हाथों के मध्य भाग में सरस्वती जी हैं; मेरे हाथों के मूल में गोविन्द हैं, इस भाव से अपने दोनों हाथों के दर्शन करता हूँ...*
🙏🏻 *फिर, जो नथुना चलता हो, वही पैर धरती पर पहले रखें; दाँया चलता हो, तो ३ कदम आगे बढायें, दांए पैर से ही; बाँया चलता हो, तो ४ कदम आगे बढायें, बाँए पैर से ही;*
🙏🏻 *नूतन वर्ष का दिन जो व्यक्ति हर्ष और आनंद से बिताता है, उसका पूरा वर्ष हर्ष और आनंद से जाता है |*
वारः सोमवार, विक्रम संवतः 2082, शक संवतः 1947, माह/पक्ष: वैशाख मास – कृष्ण पक्ष, तिथि: प्रतिपदा सुबह 8 बजकर 24 मिनट तक तत्पश्चात द्वितीया रहेगी. चंद्र राशि: तुला राशि रहेगी . चंद्र नक्षत्र: स्वाती रात 12 बजकर 13 मिनट तक तत्पश्चात विशाखा नक्षत्र…